Bihar Cabinet: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में 26 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. इनमें सबसे बड़ा फैसला आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के मानदेय में बढ़ोतरी और महिलाओं को स्वरोजगार के लिए वित्तीय सहयोग से जुड़ा रहा.
राज्य सरकार ने यह कदम महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधारने और पोषण-स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करने की दिशा में उठाया है.
आंगनबाड़ी सेविकाओं का मानदेय बढ़ा
बैठक में तय किया गया कि आंगनबाड़ी सेविका का मानदेय 7,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये प्रति माह कर दिया जाएगा. वहीं, सहायिका का मानदेय 4,000 रुपये से बढ़ाकर 4,500 रुपये किया गया है।
राज्यभर में 2.28 लाख सेविका और सहायिका कार्यरत हैं. प्रति सेविका 2,000 रुपये और प्रति सहायिका 500 रुपये की अतिरिक्त राशि अब हर महीने मिलेगी.अनुमान है कि सितंबर 2025 से इसका लाभ मिलना शुरू होगा. इसके लिए कैबिनेट ने 345 करोड़ 19 लाख 20 हजार रुपये की स्वीकृति दी है.
जीविका मुख्यालय भवन को मिली मंजूरी
बैठक में एक और अहम प्रस्ताव पर मुहर लगी. पटना में जीविका का मुख्यालय भवन बनाया जाएगा. इसके लिए 73 करोड़ 66 लाख 15 हजार रुपये की स्वीकृति दी गई है. यह भवन ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक उत्थान और आजीविका परियोजनाओं से जुड़े कार्यों का केंद्रीय केंद्र बनेगा.
राज्य के हर परिवार की एक महिला को इस योजना से जोड़ा जाएगा.रोजगार या स्वरोजगार शुरू करने के लिए पहली किस्त के रूप में 10,000 रुपये की राशि दी जाएगी. ग्रामीण-शहरी दोनों स्तरों पर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और परिवार की आय में उनकी हिस्सेदारी सुनिश्चित करना हैं.
सरकार का मानना है कि यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगी और महिलाओं को स्वरोजगार व छोटे व्यवसाय के लिए प्रेरित करेगी.
मुख्यमंत्री का बयान
कैबिनेट बैठक से पहले, कल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा,
“नवंबर 2005 में जब हमारी सरकार बनी थी, तभी से हमने यह ठान लिया था कि महिलाओं और बच्चों के पोषण व स्वास्थ्य के लिए बड़े पैमाने पर काम करेंगे. आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं ने इस काम को जमीनी स्तर तक पहुंचाया है. उनके योगदान को देखते हुए मानदेय बढ़ाने का फैसला किया गया है. इससे उनका मनोबल बढ़ेगा और सेवाओं की गुणवत्ता भी सुधरेगी.”
महिलाओं पर केंद्रित रही बैठक
कैबिनेट के 26 एजेंडों में से कई फैसले सीधे तौर पर महिलाओं से जुड़े रहे. चाहे आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं के मानदेय की बात हो या महिला रोजगार योजना के लिए बड़ा बजट, सरकार ने साफ संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में महिला सशक्तिकरण उसकी प्राथमिकता में रहेगा.

