पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि वह शिक्षा के क्षेत्र में बिहार को फिर से उंचाई पर ले जाना चाहते हैं, सकल नामांकन अनुपात को 30 प्रतिशत करना चाहतेहैं. जिसके लिए कई कदम उठाये गये हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजभवन में आयोजित कुलपति-प्रतिकुलपति सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि सबसे पहले मैं महामहिम राज्यपाल महोदय को बधाई देता हूं कि उन्होंने कुलपति एवं प्रतिकुलपति की नियुक्त नियमों के मुताबिक और यथाशीध्र हो इस प्रकिया को अपनाया जिसके फलस्वरुप दो विश्वविद्यालयों को छोड़कर सभी जगह कुलपति-प्रतिकुलपतियों की नियुक्त हो चुकी है. हमारे लिये यह हर्ष की बात है.
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इससे पूर्व जब तत्कालीन राष्ट्रपति डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम बिहार आये थे, उस समय आयोजित कुलपतियों की बैठक में वह शामिल हुए थे. नीतीश ने कहा कि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों का शैक्षिक कैलेण्डर होना चाहिये. उसका ठीक से अनुपालन होना चाहिए ताकि यहां के छात्रों को राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में नुकसान नहीं हो.
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नीतीश कुमार ने कहा कि इस बैठक के अंत में जो सभी की राय आयेगी, उससे विश्वविद्यालय के विकास के लिये सशक्त नीति बनेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा मकसद उच्च शिक्षा में बिहार का सकल नामांकन अनुपात बढ़ाना है. उन्होंने कहा कि बिहार ज्ञान की भूमि रही है. चाणक्य और आर्यभटृ यहीं के थे. प्राचीन काल में बिहार के नालंदा, विक्रमशिला विश्वविद्यालय जैसे ज्ञान के केंद्र थे. बिहार शिक्षा का बहुत बड़ा केंद्र हुआ करता था.