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#blackmoney : बिहार-झारखंड के 1784 संदिग्ध बैंक खाते आयकर विभाग के राडार पर

पटना : नोटबंदी के बाद देश में छिड़ी बहस के बीच आयकर विभाग ने बिहार-झारखंड में उन 1784 संदिग्ध बैंक खातों की जांच शुरू कर दी है, जिनमें नोटबंदी के बाद एक करोड़ रुपये से ज्यादा जमा किये गये हैं. इनमें व्यवसायी, नौकरी-पेशा, किसी संस्थान या फर्म समेत अन्य श्रेणी के लोग शामिल हैं. जांच […]

पटना : नोटबंदी के बाद देश में छिड़ी बहस के बीच आयकर विभाग ने बिहार-झारखंड में उन 1784 संदिग्ध बैंक खातों की जांच शुरू कर दी है, जिनमें नोटबंदी के बाद एक करोड़ रुपये से ज्यादा जमा किये गये हैं. इनमें व्यवसायी, नौकरी-पेशा, किसी संस्थान या फर्म समेत अन्य श्रेणी के लोग शामिल हैं. जांच के घेरे में आये कई लोगों के खाते झारखंड में हैं, लेकिन कारोबार बिहार में है. कइयों ने दोनों राज्यों में खाते खुलवा रखे हैं. इनमें चालू और बचत समेत सभी तरह के खाते हैं.
काला धन सफेद करनेवाले बड़े खातेदारों को पकड़ने में आयकर विभाग लग गया है. मसलन, भागलपुर स्थित बिहार फर्टिलाइजर कंपनी के बैंक खाते में दो करोड़ नौ लाख रुपये जमा किये गये हैं, लेकिन इसका हिसाब कंपनी नहीं दे पा रही है. अभी कंपनी से इससे संबंधित अन्य पहलुओं पर पूछताछ चल रही है. इसके बाद पैसे जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी.
बिहार-झारखंड के 10 जिलों में पाये गये संदिग्ध खाते
इन 1784 बैंक खातों में सबसे ज्यादा खाते पटना, कटिहार, सुपौल, रांची, देवघर, धनबाद, पूर्णिया, चाईबासा, जमशेदपुर समेत अन्य जिलों के हैं. इनमें निजी बैंक के खातों की संख्या ज्यादा है. कई लोगों के एकाउंट ऐसे भी मिले हैं, जो हैं झारखंड में, लेकिन इनका कारोबार और मुख्य आधार बिहार के किसी जिले में है. इनकी जांच अलग से चल रही है.
बिहार में जनधन खातों की अलग से चल रही जांच
बिहार में जन-धन योजना के तहत खोले गये 681 खातों की जांच अलग से चल रही है. इनमें 400 खाते ऐसे हैं, जो पैन नंबर के साथ खोले गये हैं, जबकि 281 खाते बिना पैन नंबर के ही खोल दिये गये हैं. अब तक ऐसे 10 खातों का पता चला है, जिनमें नाेटबंदी के बाद पांच लाख से कम और दो लाख से ज्यादा रुपये जमा किये गये हैं.
इसमें खगड़िया के आनंदी यादव, कटिहार के श्यामल कुमार घोष और उज्ज्वल कुमार समेत अन्य के खाते सील कर लिये गये हैं. इनके खातों में जितने पैसे जमा किये गये थे, उनका हिसाब वे नहीं दे पाये. अधिकतर खाते पटना, कटिहार, सुपौल, रांची, देवघर धनबाद, पूर्णिया, चाईबासा और जमशेदपुर जिले के है. इन खातों में अधिकांश राशि ब्लैक मानी जा रही है.
ज्यादातर खातों में कालाधन का संदेह
आयकर अफसरों के अनुसार, इन खातों की शुरुआती जांच में स्पष्ट हो गया है कि अधिकांश जमाराशि ब्लैक ही है. इनका सटीक माध्यम से लेन-देन का पता नहीं चल रहा है. खातेदारों से पूछताछ करने के बाद पूरी स्थिति स्पष्ट हो पायेगी. आयकर विभाग के अन्वेषण निदेशक अशोक कुमार सिन्हा ने बताया कि1784 संदिग्ध बैंक खातों की जांच शुरू की गयी है. अभी बड़ी राशि वाले खातों की जांच की जा रही है. जो खातों में पैसे जमा करने का सटीक कारण बताने असमर्थ हो रहे हैं, उनके पैसे जब्त किये जा रहे हैं.
मुजफ्फरपुर में चपरासी के नाम फर्जी खाते खोल 13 करोड़ का ट्रांजेक्शन
मुजफ्फरपुर स्थित पूजा ट्रेडिंग कंपनी व कांता सेल्स कॉरपोरेशन के प्राेपराइटर राजकुमार गोयनका और अशोक कुमार गोयनका ने अपने स्टाफ के नाम फर्जी खाते खाेल कर करोड़ों का ट्रांजेक्शन किया है. इसका खुलासा गुरुवार को आयकर के सर्वे में हुआ. आयकर पटना व मुजफ्फरपुर की संयुक्त टीम ने कंपनी व इसके प्राेपराइटर के घर पर जब बही-खातों की जांच की, तो करीब 10 स्टाफ के नाम के खाते व करोड़ों के ट्रांजेक्शन का पता चला.
चपरासी के खाते से 13 करोड़ का ट्रांजेक्शन
यहां के चपरासी कुणाल कुमार के नाम के चार खाते मिले, जिनसे नोटबंदी के बाद 13 करोड़ का ट्रांजेक्शन किया गया था. अन्य नौ स्टाफ के नामों पर भी करोड़ों के ट्रांजेक्शन के कागजात मिले हैं. विभागीय सूत्रों की मानें, तो करीब 50 करोड़ से अधिक का ट्रांजेक्शन हुआ है. आयकर की टीम दोनों प्रतिष्ठान के अलावा प्रोपराइटर के अन्य प्रतिष्ठान पूजा ज्वेलर्स की जांच करने पहुंची. लेकिन, वह बंद था. दोनों प्रोपराइटर भी दुकान व घर पर नहीं मिले. उनका मोबाइल भी कवरेज से बाहर बता रहा था.
चाबी बनवा कर खोली गयी अलमारी
सर्वे के दौरान टीम को अलमारी की चाबी नहीं मिली. स्टाफ ने बताया कि उनके पास चाबी नहीं है. इसके बाद कारीगर को बुला कर अलमारी की चाबी बनवायी गयी. इसके बाद एक-एक कागजात की जांच की गयी. टीम ने कंपनी व स्टाफ की पासबुक, लेन-देन के अन्य कागजात और बही-खाता जब्त कर लिये. अधिकारियों ने बताया कि सर्वे शुक्रवार तक चलेगा. अधिकारी रात भर कंपनी के अन्य कागजात खंगालते रहे.
चपरासी ने दर्ज करायी शिकायत
प्रतिष्ठान से एक कंपनी के सिम का कारोबार होता था. कंपनी में चपरासी पद पर कार्य कर रहे रामबाग निवासी कुणाल कुमार ने इस मामले में मिठनपुरा थाने में शिकायत दर्ज करायी है. उसने आवेदन में कहा है कि मैं चार वर्ष से यहां चपरासी काम करता हूं. छठी क्लास पास हूं.नियुक्ति के समय मैंने प्रोपराइटर राजकुमार गोयनका व अशोक कुमार गोयनका को पता सहित शिक्षा संबंधी कागजात सौंपे थे. मेरे नाम से बैंक खाते हैं. जांच में पता चला कि उसका एक खाता कोटक महिंद्रा में व तीन आइसीआइसीआइ में हैं. उसके नाम से 13 करोड़ का ट्रांजेक्शन हुआ है, जबकि इसके बार में उसकी कोई जानकारी नहीं है. उसने इस मामले में कार्रवाई की मांग की है. मिठनपुरा के थानाप्रभारी ने एसआइ सुनील कुमार को अनुसंधान की जिम्मेवारी सौंपी है.
Prabhat Khabar Digital Desk
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