पटना : पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पौत्रवधु व राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की सदस्य नीरा शास्त्री ने शास्त्रीजी की विदेश में हुई रहस्मय मौत की उच्चस्तरीय व निष्पक्ष जांच की मांग की है. सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि जब देश की जनता को उनकी रहस्यमय मृत्यु के बारे में सही तथ्यों की जानकारी दी जाये. लाल बहादुर शास्त्री के सबसे छोटे सुपुत्र अशोक शास्त्री की पत्नी नीरा शास्त्री ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की फाइलों को सार्वजनिक किये जाने के बाद उन्हें इसको लेकर उम्मीद जगी है.
चश्मे की खोली में लिखा था सच : नीरा शास्त्री ने कहा कि उन्हें अम्मा (स्व ललिता शास्त्री) ने बताया था कि बाबूजी के चश्मे की खाेली में रखी परची में यह लिखा था कि उन्हें दूध में कुछ मिला कर दे दिया गया है. उनकी पर्सनल डायरी व अन्य सामान का भी कोई पता नहीं चल पाया. उनके साथ ताशकंद गये लोगों में डाॅ चुघ की भी रहस्यमय मौत हुई. जबकि, उनके निजी कुक राम लाल को भी जान से मारने की कोशिश की गयी. शास्त्रीजी के शरीर पर नीले धब्बे पड़ गये थे, बावजूद उनका पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराया गया.
जिस थर्मस से उन्होंने दूध पिया, वह भी नहीं मिला. उन्होंने कहा कि बाबूजी की हत्या को सरकारों ने अब तक छुपाया है. बाबूजी के नीले पड़े शरीर को छिपाने के लिए उस पर चंदन का लेप लगाया गया. उन्होंने कहा कि शास्त्रीजी को हमेशा इतिहास से काटने की साजिश होती रही है. नीरा शास्त्री ने लोगों से चीनी सामान का बहिष्कार कर स्वदेशी अपनाने पर बल दिया. अजय वर्मा ने अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर का नामकरण लाल बहादुर शास्त्री के नाम पर किये जाने की मांग की.
