पटना: कभी एलआइसी का काम कर खुशहाल जीवन व्यतीत करनेवाली सुमित्र आज भीख मांगने को विवश है. उसके पति ने उसका एक पैर काट उसे विकलांग बना दिया है. पांव में संक्रमण होने से वह इसका इलाज करा रही है, लेकिन इसके लिए उसके पास पैसे नहीं हैं, जिससे वह गांधी मैदान में भीख मांग रही है और भीख में मिले पैसों से वह अपना इलाज करा रही है.
समस्तीपुर जिले के शाहपुर थाने के बहादुरपुर पटोरी निवासी सुमित्र के तीन बच्चे हैं. पति के काम नहीं करने पर वह एलआइसी का काम घर चलाया करती थी, लेकिन पति को उसका काम करना मंजूर न हुआ. वह सुमित्र को प्रताड़ित करने लगा. इससे तंग सुमित्र ने घर से दूर जाकर काम करने की सोची. वह वर्ष 2011 में कोलकाता चली गयी. लेकिन, वह अपने परिवार के साथ रहना चाहती थी, जिससे कंपनी के टारगेट को पूरा कर वह घर लौट आयी. लेकिन, निर्मम पति पंचानंद गिरि की साजिश से सुमित्र अनभिज्ञ थी. गत वर्ष 15 अप्रैल की रात पति ने उसके पैर-हाथ बांध गड़ांसे से पैर काट डाला.
नहीं मिल रही मदद
सुमित्र कहती है कि पीएमसीएच में इलाज करा रही हूं. डॉक्टर बाहर की दवाइयां लिखते हैं. उसके लिए पैसे नहीं. भीख मांगना कभी मंजूर नहीं है, लेकिन विवशता है. मुख्यमंत्री जनता दरबार भी गयी थी, ताकि कुछ मदद मिल सके, लेकिन वहां से भी कोई मदद नहीं मिली. डॉक्टर पैर में संक्रमण बता रहे हैं, पर इलाज व दवाओं के लिए पैसे नहीं हैं. भीख मांग कर बेटे को खिलाती हूं. वह भी अब बीमार हो गया है.