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बैरिया की फाइल की कर दी ‘सफाई’

पटना: पटना नगर निगम की फाइल कब गुम हो जाये. इसकी जानकारी अधिकारियों को भी नहीं रहती है. जब फाइल की जरूरत होती है तो पता चलता है कि तलाश में कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक परेशान हो जाते हैं. संतोषा अपार्टमेंट व रामाचक बैरिया में चहारदीवारी निर्माण संबंधित गुम फाइल अब तक नहीं मिली […]

पटना: पटना नगर निगम की फाइल कब गुम हो जाये. इसकी जानकारी अधिकारियों को भी नहीं रहती है. जब फाइल की जरूरत होती है तो पता चलता है कि तलाश में कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक परेशान हो जाते हैं. संतोषा अपार्टमेंट व रामाचक बैरिया में चहारदीवारी निर्माण संबंधित गुम फाइल अब तक नहीं मिली है.

ओएसडी को लिखा पत्र
रामाचक बैरिया स्थल पर चहारदीवारी निर्माण संबंधित गुम फाइल को लेकर सरगरमी एक बार फिर तेज हो गयी है. नगर आयुक्त के आदेश पर अपर नगर आयुक्त (स्थापना) राधामोहन प्रसाद ने फाइल की तलाश के लिए बंद पड़ी संचिकाओं को खंगालना शुरू कर दिया है. जांच में अपर नगर आयुक्त ने एक ही तारीख को फाइल दो कोषांगों में रखा पाया. मुख्य नगर अभियंता सहित योजना शाखा के प्रभारी पदाधिकारी और नगर निगम के ओएसडी को पत्र लिख कर 24 घंटे के अंदर इसकी विस्तृत जानकारी मांगी है.

अपर नगर आयुक्त के पत्र के मुताबिक रामाचक बैरिया स्थल पर चहारदीवारी निर्माण संबंधी मूल संचिका मुख्य नगर अभियंता कोषांग द्वारा तीन अक्तूबर, 2012 को योजना पदाधिकारी कोषांग को भेजा गया. इसका प्रमाण अपर नगर आयुक्त (योजना) कोषांग में डायरी पर अंकित है. इस तरह तीन अक्तूबर, 2012 से चार अक्तूबर, 2012 तक उक्त संचिका प्रभारी पदाधिकारी योजना कोषांग एवं अपर नगर आयुक्त (योजना) कोषांग के बीच गतिशील रही, लेकिन इस तिथि को योजना कोषांग की कोई भी टिप्पणी अंकित नहीं है.

उल्लेखनीय है कि वर्तमान संचिका के टिप्पणी भाग में मुख्य नगर अभियंता द्वारा उक्त संचिका एक अक्तूबर, 2012 को नगर आयुक्त कोषांग को भेजी गयी है, जो दिनांक 15 जनवरी, 2013 को तत्कालीन नगर आयुक्त द्वारा वापस की गयी है तो फिर मुख्य नगर अभियंता द्वारा एक ही अवधि (तीन अक्तूबर, 2012) में यह संचिका योजना कोषांग एवं नगर आयुक्त कोषांग को कैसे भेज दी गयी?

क्या था मामला
बैरिया स्थित कूड़ा डंपिंग यार्ड की चहारदीवारी की जानी थी. इसको लेकर टेंडर निकाला गया और टेंडर के माध्यम से ठेकेदार चयनित कर चहारदीवारी का काम शुरू किया गया, लेकिन राशि का भुगतान नहीं हुआ. तत्कालीन नगर आयुक्त आदेश तितरमारे के सामने भुगतान का मामला आया, तो फाइल की जांच-पड़ताल की गयी. जांच में कई तरह की अनियमितताएं आयीं. इसके बाद से ही फाइल गुम है.

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