पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछली कई रैलियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिये गये भाषणों पर पलटवार किया है. शनिवार को चुनाव प्रचार से लौटने के बाद जदयू कार्यालय में प्रेस काॅन्फ्रेंस कर उन्होंने प्रधानमंत्री की बातों का जोरदार जवाब दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री बिहार में जब भी आते हैं, कई मुद्दों पर बोल कर चले जाते हैं.
हिट एंड रन करते हैं, पब्लिक मीटिंग में बंपर पब्लिसिटी लेते हैं और गलत आंकड़े पेश कर चले जाते हैं. वे देश के प्रधानमंत्री हैं, लेकिन यूपी के दादरी में जो घटना हुई और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण पर जो बयान दिया, उस पर वे कुछ नहीं बोल रहे हैं.
लालू प्रसाद के लिए ‘शैतान’ जैसे शब्द का प्रयोग करके चले गये. बाहर के मुद्दे को बिहार में लाकर विवाद पैदा करने की कोशिश की, लेकिन सजग जनता ने इस पर ध्यान नहीं दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपावाले कहने लगे कि सत्ता में आये, तो गोहत्या बंद करेंगे, जबकि 1955 से ही गोहत्या बंद करने का कानून बना है और यह बंद है. उनके द्वारा कानून की बात करना हास्यास्पद लगता है.
उन्होंने कहा कि जबसे केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनी है, बीफ के निर्यात में 15.4 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. यह जानने की बात है कि देश के चार सबसे बड़े बीफ निर्यातक कौन लोग हैं? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एक तरफ दादरी कांड पर चुप्पी साधते हैं और दूसरी ओर विवाद गहराते हैं. दादरी पर राष्ट्रपति के बयान की आड़ लेने का तरीका सही नहीं था.
पलायन रोकने के लिए दें विशेष दर्जा
नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बीआरजीएफ की राशि लौट जाने की बात कही, लेकिन सरकार ने उपयोगिता प्रमाणपत्र भी दे दिया है, फिर भी राशि नहीं दी जा रही है. पानी-जवानी की उन्होंने बात की. प्रधानमंत्री जी बिहार की जवानी तो जोरदार है. यहां के लोग दूसरे का बोझ नहीं बनते, दूसरे का बोझ उठाते हैं. गंगा में सिल्ट मैनेजमेंट नहीं होगा, तब तक समस्या दूर नहीं होगी. पर, इस पर केंद्र का ध्यान नहीं है. बिहार में नदियों को जोड़ने की प्रक्रिया केंद्र में लंबित है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाये, तो पलायन रुक जायेगा.
बिजली में सुधार
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री बिजली पर सवाल उठाते हैं. हमने तो बिजली की स्थिति में बहुत सुधार किया है. हम भाजपा की तरह 2022 तक इतंजार नहीं कर सकते हैं. दिसंबर, 2016 तक सभी बसावटों में बिजली पहुंचा देंगे और फ्री में सभी घरों में बिजली कनेक्क्शन देंगे.
वादे का क्या हुआ? महंगाई तो बढ़ गयी
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने लोकसभा चुनाव में जो-जो वादे किये थे, उनका क्या हुआ? महंगाई बढ़ गयी. प्याज व दाल की कीमतें आसमान छू रही हैं. अरहर दाल 170-180 रुपये किलो हो गया है. एक्सपर्ट बताते हैं कि दिसंबर तक इसकी कीमत 200 रुपये से ज्यादा हो सकती है. प्रधानमंत्री ने तो कहा कि दलहन खेती बढ़ाने के लिए एमएसपी बढ़ाया.
कहा था कि समर्थन मूल्य में लागत की 50% राशि जोड़ कर देंगे, लेकिन प्रति क्विंटल 75 रुपये की बढ़ोतरी की. काले धन पर क्या हुआ? लोकसभा चुनाव में कहा था कि लायेंगे. बाद में मन की बात में कह दिया कि पता नहीं कितना काला धन बाहर है. भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष ने तो 100 दिनों में काला धन लाने की बात कही, लेकिन वर्तमान भाजपा अध्यक्ष ने उसे जुमला कह दिया. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया था, पर उससे भी मुकर गये.
बाहरी मुद्दा इंपोर्ट कर रही भाजपा
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा मुद्दा भी इंपोर्ट कर रही है. कार्यकर्ता, नेता और मुद्दे तक इंपोर्ट किया जा रहा है. इस बार जितने बाहर के लोग घूम रहे हैं, उतना कभी नहीं घूमते थे. किसी गांव से कोई बाहर का लोग निकलता है, तो दूसरा वहां घुसता है. इसलिए तो बिहारी और बाहरी का मुद्दा उठाया जा रहा है. एजेंसी व चैनलों चुनाव पूर्व सर्वे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों का काम है लोगों के बीच बात रखना. हमने सत्य बातें तथ्यों के साथ रख दी हैं और जो असत्य बात कर रहे हैं, उन्हें आईना दिखा दिया है, बाकी अब जनता मालिक है.
जब केंद्र करेगा खर्च तो राज्य कैसे लौटायेगा पैसा
सीएम ने कहा कि एक सभा में तो मुझे अहंकारी कहा और यहां तक कह दिया कि केंद्र ने जो स्पेशल पैकेज दिया है, कहीं अहंकार में मैं उसे लौटा न दूं. केंद्र सरकार ने जो 1.25 लाख करोड़ पैकेज की घोषणा की है. उसमें 1.08 लाख तो री-पैकेजिंग है. इस पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पत्र लिख कर साफ किया है कि पैकेज की राशि से काम केंद्र सरकार को करना है. ऐसे में राज्य सरकार के खाते में राशि कहां आ रही है. चुनाव में लोगों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है. जब प्रधानमंत्री द्वारा ऐसी बातें कहीं जायेगी, तो देश का क्या होगा?
लंबित पैसा नहीं दे रही केंद्र : सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बीआरजीएफ का पैसा खर्च नहीं करने का आरोप लगाया. लेकिन सच्चाई है कि केंद्र राशि दे ही नहीं रही है. बीआरजीएफ के तहत राज्य प्रोजेक्ट बनाती है, केंद्र उसको एप्रुव करता है और इसके बाद पैसा मिलता है. 12वीं पंचवर्षीय योजना में बीआरजीएफ के तहत 8308 करोड़ रुपये तय किये गये. केंद्र ने 2714 करोड़ रिलीज किये, जबकि राज्य ने 2754 करोड़ रुपये खर्च किये. उसका उपयोगिता प्रमाणपत्र भी दे दिया गया. जून, 2015 को 4693 करोड़ के प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं, लेकिन केंद्र से राशि नहीं आयी है.
लालू जी पर क्यों कर रहे ब्लैम, जाति की राजनीति तो भाजपा ने की शुरू
नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा के लोग राजद सुप्रीमो पर क्यों ब्लैम कर रहे हैं. दादरी का मुद्दा यहां वे लेकर आये. यदुवंशी, ओबीसी प्रधानमंत्री समेत कास्ट बेस्ट पॉलिटिक्स भाजपा ने शुरू की. आरक्षण का मुद्दा कौन लाया? अपने को (प्रधानमंत्री) आरएसएस का प्रचारक कहलाने पर नाज रखनेवाले को जवाब देना चाहिए. भाजपा ने बाहर से मुद्दा इंपोर्ट करने की कोशिश की. लालू प्रसाद के बयानों पर कहा कि सभी के कहने का अपना अंदाज होता है. हमारी पहचान गवर्नेंस को लेकर है. किसी इश्यू को लाकर समाज को बांटना नहीं चाहते. जदयू-राजद-कांग्रेस के नेता अलग-अलग क्षेत्रों में जा रहे हैं. हमारा लक्ष्य है कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में सभा करें. हमलोग 10-20 विधानसभा क्षेत्रों को मिला कर कोई एक रैली नहीं करते हैं, सभी विधानसभा क्षेत्र में जाते हैं.
बहस को देते हैं चुनौती : सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री के कहे बातों का एक-एक तथ्य वे रिलीज करेंगे. हम तो प्रधानमंत्री को बहस की चुनौती देते हैं. आप अपने तथ्य लेकर आ जाएं और हम अपने तथ्य पेश करते हैं. वे असत्य तथ्य पेश कर रहे हैं. जहानाबाद के देवकी चौधरी की मौत पर कह दिया कि बिजली नहीं मिली, तो पीट-पीट कर मार डाला. प्रधानमंत्री घरों में शौचालय की बात करते हैं. शौचालय की समस्या सिर्फ बिहार नहीं, देश भर की है. गुजरात में 39 फीसदी घरों में शौचालय नहीं है. नरेंद्र मोदी वहां 12 सालों तक मुख्यमंत्री रहे हैं, क्यों नहीं उसे दुरुस्त करवा लिया. यह बिहार को नीचा दिखाने के लिए सब कुछ हो रहा है.प्रेस कॉन्फेंस में प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह और सांसद पवन कुमार वर्मा भी मौजूद थे.
एएसपी गोलीकांड रात में पहरेदारी का सबूत
सीएम ने कहा कि बिहार में विधि-व्यवस्था ठीक है. पटना के एएसपी पर गोली चलाने की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह सबूत है कि रात में भी अफसर पहरेदारी कर रहे हैं. अगर अपराधी पाताल में भी छुपे होंगे, तो बिहार की पुलिस उसे ढूंढ़ निकालेगी. लॉ एंड ऑर्डर तो गुजरात में खराब है, जहां चुनाव आयोग ने स्थानीय निकाय का चुनाव कराने से इनकार कर दिया है. जम्मू-कश्मीर में चुनाव हो सकता हैं, लेकिन गुजरात में नहीं हो सकता और कहते हैं कि बिहार में जंगलराज है.
अपहरण के तथ्य भी सही नहीं
नीतीश ने कहा कि पीएम ने अपहरण के आंकड़े का भी जिक्र किया था. जुलाई, 2015 तक सामान्य अपहरण 4,289 व विवाह-प्रेम प्रसंग में अपहरण के 2779 मामले सामने आये. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार बच्चा या बुजुर्ग लापता होने पर अपहरण का मामला दर्ज हो सकता है.
जनवरी से जुलाई 2015 तक 964 मामले दर्ज हुए. इनमें से अधिकतर बरामद कर लिये गये या फिर लौट आये. 4289 मामलों में से 3743 कांड दर्ज किये गये. फिरौती के लिए सिर्फ 40 अपहरण हुए, जो पिछले साल इस अवधि में भी इतने ही थे. एक को छोड़ कर बाकी सभी मामलों में बरामदगी हो गयी. वहीं, 2014 में मध्य प्रदेश में 7833, दिल्ली में 7147 और बिहार में 6570 कांड दर्ज किये गये थे.
