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नाम राजकीय कन्या मध्य विद्यालय, पढ़ते हैं लड़के भी

पटना: नाम राजकीय कन्या मध्य विद्यालय अदालतगंज, जबकि उसमें पढ़ाई कर रहे हैं छात्र. नाम मध्य विद्यालय, मरची पटना सदर, लेकिन पढ़ाई हाइस्कूल की. जी हां, ये स्थिति राजधानी में चल रहे कई स्कूलों की है, जिनके नाम तो कुछ और बयां कर रहे हैं, लेकिन उनके अंदर की स्थिति कुछ और ही है. ऐसे […]

पटना: नाम राजकीय कन्या मध्य विद्यालय अदालतगंज, जबकि उसमें पढ़ाई कर रहे हैं छात्र. नाम मध्य विद्यालय, मरची पटना सदर, लेकिन पढ़ाई हाइस्कूल की. जी हां, ये स्थिति राजधानी में चल रहे कई स्कूलों की है, जिनके नाम तो कुछ और बयां कर रहे हैं, लेकिन उनके अंदर की स्थिति कुछ और ही है. ऐसे में यहां के छात्र-छात्रओं को कई तरह की परेशानी भी होती है. स्कूलों द्वारा कई बार पत्र लिख कर स्कूलों के नामों को संशोधित करने की मांग की गयी. विभाग ने मार्च में स्कूलों के नाम में संशोधन करने का निर्देश भी दिया है. बावजूद इसके अब तक उन स्कूलों के नाम संशोधित नहीं किये गये हैं.
क्या होती है परेशानी : बालक मध्य विद्यालय के प्रधानाचार्य नंद किशोर शर्मा बताते हैं कि पूर्व में जिस उद्देश्य से विद्यालय की स्थापना हुई थी, बाद में उसमें संशोधन कर को-एड कर दिया गया है. कई बार जब बच्चे को आठवीं पास की टीसी दी जाती है, तो दूसरे राज्यों में गफलत हो जाती है. इससे दूसरे स्कूल उसे नहीं मानते हैं. वहीं, बालक उच्च विद्यालय शास्त्रीनगर के प्राचार्य बताते हैं कि हमारे एक ही विद्यालय में 10वीं और 12वीं के छात्रों को अलग-अलग नामों से जाना जाता है. बच्चों के सर्टिफिकेट में भी 10वीं में कुछ और 12वीं में कुछ और रहता है. इससे बच्चों को कई तरह की परेशानी हो रही थी. कई बार तो सर्टिफिकेट वेरीफिकेशन तक करने पड़ते हैं. वे बताते हैं कि 10 वीं में उनके विद्यालय का नाम गवर्नमेंट हाइस्कूल लाल बहादुर शास्त्री, वहीं 12 वीं में उसी स्कूल का नाम गवर्नमेंट ब्वायज प्लस टू स्कूल है. जबकि नियम से स्कूल का नाम राजकीय बालक उच्च विद्यालय होना चाहिए.
अपग्रेड होने के बाद भी नाम से मध्य विद्यालय
कई मध्य विद्यालयों को अपग्रेड किया गया है. स्कूलों में नौवीं व दसवीं की भी पढ़ाई हो रही हैं. वर्ष 2013 -14 में बिहार भर में कुल 2310 स्कूल अपग्रेड किये गये. पटना जिला में इसकी संख्या 72 रही. अपग्रेड होने के बावजूद इन स्कूलों के नाम में संशोधन नहीं किये गये. कई मध्य विद्यालय, जो पहले बालिकाओं के लिए खोले गये, पर बाद में उसे को-एड कर दिया गया. अदालतगंज स्थित राजकीय कन्या मध्य विद्यालय की स्थापना वर्ष 1928 में हुई है. पूर्व में सिर्फ लड़कियां ही पढ़ती थीं. बाद में इसे को-एड किया गया, पर इसके नाम में कोई संशोधन नहीं हो सका है. ठीक उसी तरह से बालक मध्य विद्यालय गोलघर पार्क, व शास्त्री नगर स्थित कन्या मध्य विद्यालय में लड़के और लड़कियां दोनों पढ़ाई कर रहे हैं.
अब तक स्कूलों के नाम में संशोधन के लिए विभाग द्वारा कई निर्देश जारी किया गया है. हालांकि अब तक इसे लागू नहीं किया गया है. इसके लिए स्कू लों को जल्द निर्देश दिये जायेंगे. ताकि स्कूलों में किये गये संशोधन अनुरूप उनके नाम में भी संशोधन किया जा सके.
डॉ अशोक, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, पटना
Prabhat Khabar Digital Desk
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