अनिकेत त्रिवेदी
सीएम की समीक्षा से पहले तैयार होगा जल निकासी का प्लान
पटना : शहर में जल निकासी की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए बड़ी तैयारी की जा रही है. पटना शहर को सात से आठ कैचमेंट एरिया में बांटा जायेगा.सभी क्षेत्रों के लिए अलग से ड्रेनेज लाइन और उसकी निकासी के लिए संप की व्यवस्था होगी. इसी मुद्दे को लेकर बीते चार दिनों से नगर विकास व आवास विभाग में अभियंताओं की लंबी चौड़ी टीम, बुडको के अभियंताओं की टीम, नगर आयुक्त से लेकर अन्य संबंधित लोगों की टीम विभाग के प्रधान सचिव के साथ बैठक कर रही है.
मंथन में किन जगहों पर नये ड्रेनेज का निर्माण होगा, कहां नये संप लगेंगे आदि से लेकर अन्य सभी उपाय किये जा रहे हैं, ताकि शहर में अगली बार जल जमाव नहीं हो सके. जानकारी के अनुसार इसमें 500 करोड़ से अधिक खर्च का अनुमान है. माना जा रहा है कि सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में होने वाली समीक्षा बैठक के बाद इस योजना पर अमल शुरू हो जायेगा.
जीआइएस मैपिंग के आधार पर पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन : दरअसल, बीते दिनों नगर विकास व आवास विभाग से राज्य के 28 नगर निकायों की जीआइएस मैपिंग करायी गयी थी. अब इस जल जमाव में उसी मैप का उपयोग कर पटना के लिए एक प्लान तैयार किया जा रहा है. विभाग एक पाॅवर प्लाइंट प्रेजेंटेशन तैयार कर रहा है.
जिसमें राजेंद्र नगर, कंकड़बाग, पाटलिपुत्र से लेकर पूरे शहर में पानी निकासी की डिटेल रिपोर्ट रहे. हालांकि चार दिनों की बैठक के बाद भी विभाग की टीम अभी पूरे प्लान को तैयार नहीं कर पायी है. शुक्रवार के बाद शनिवार को भी सुबह नौ बजे से विभाग में बैठक हुई. वहीं, रविवार को भी इसी विषय को लेकर विभाग में बैठक होगी.
सीएम की बैठक के बाद जारी होगा प्लान
विभाग की ओर से सारी तैयारी सोमवार को होने वाली सीएम की बैठक को लेकर है. विभाग इस बार के जल जमाव में दोषियों को चिह्नित करने के साथ पूरे शहर में जल निकासी का पूरा प्लान तैयार कर लेना चाहता है. ताकि, सीएम की बैठक में सभी पहलुओं को ठीक से रखा जाये और अगली बार जल भराव की समस्या नहीं हो.
चार दिनों से नगर विकास व आवास विभाग में मंथन कर रही टीम
कल जलजमाव की सीएम करेंगे समीक्षा
पटना : राजधानी पटना में बारिश के कारण हुए जल जमाव की समीक्षा मुख्यमंत्री सोमवार को करेंगे. इसके पहले शनिवार को मुख्य सचिव दीपक कुमार ने नगर विकास एवं आवास विभाग सहित पटना जिला प्रशासन और नगर निगम के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. मुख्यमंत्री को जल जमाव के कारणों की जानकारी दी जायेगी. साथ ही जल निकासी में आनेवाले व्यवधानों से भी अवगत कराया जायेगा. समीक्षा में जल जमाव के दौरान लोगों को उपलब्ध कराये गये राहत कार्यों की चर्चा की जायेगी.
हाइकोर्ट की रोक के बाद भी गलत डीपीआर पर काम शुरू, कंपनी ने दावा किया तो क्वालिटी चेक की जिम्मेदारी
पटना : जलजमाव में पटना शहर को डूबने के बाद नगर निगम से लेकर बुडको व अन्य सरकारी लापरवाही का उदाहरण एक के बाद एक कर सामने आ रहा है.
पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा टर्मिनेट कर दी गयी सिंगापुर की जिस मैनहटन कपंनी की डीपीआर के उपयोग करने पर रोक लगा दी थी, बुडको ने उसी डीपीआर पर शहर में निर्माण कार्य आरंभ करा दिया. अब कंपनी ने अपने पैसे मांगने शुरू कर दिये तो कोर्ट ने कहा कि बचे हुए काम इसी कंपनी को दे दिया जाये. इसी का हवाला देते हुए मैनहटन कपंनी को ही एक बार फिर काम मिल गया है.
दरअसल, अभी भी शहर में जो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व सीवरेज लाइन बनायी जा रही है, उनके क्वालिटी चेक यानी सीएसक्यूसी वर्क का काम उस कंपनी को है, जिसकी गलत व आधी-अधूरी डीपीआर पर इतने लंबे-चौड़े प्लान से पूरे शहर की दशा खराब हुई है. सिंगापुर की वही मैनहट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी सीवरेज लाइन व एसटीपी के लिए लगभग तीन करोड़ का काम कर रही है.
कोर्ट के आदेश का हुआ था उल्लंघन
मैनहट कंपनी को लेकर मामला कोर्ट में जाता रहा है. जानकारी के अनुसार 2012 में डीपीआर तैयार करने वाली कंपनी को एक वर्ष का वक्त देने के बाद भी जब काम नहीं हुआ तो उसे टर्मिनेट कर दिया गया था.
इसके बाद कंपनी कोर्ट में चली गयी थी. कोर्ट ने निर्देश दिया था कि कंपनी को हटाने के बाद उसकी डीपीआर का भी उपयोग नहीं किया जाये. लेकिन, बाद में बुडको की ओर से 2015 में उसकी डीपीआर का उपयोग किया गया. कंपनी इसी का हवाला देकर फिर कोर्ट में चली गयी, तो कोर्ट ने निर्देश दिया था कि बचा हुआ काम कंपनी को दिया जाये. अब उसी के आलोक में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व लाइन के क्वालिटी चेक का काम दिया गया है.
जून में ही पूरा होना था बेऊर व करमलीचक का काम
बुडको की ओर से बेऊर व करमलीचक में एसटीपी व सीवरेज ट्रीटमेंट का काम इस वर्ष जून में ही पूरा करना था. लेकिन कई बार डेट बढ़ाने के बाद अब 30 सितंबर तक दोनों प्रोजेक्ट पूरा होने का दावा किया गया. हालांकि, एसटीपी के काम लगभग पूरे हो चुके हैं. लेकिन, सीवरेज लाइन का काम पूरा नहीं हो पाया है. पुरानी पाइपलाइन से एसटीपी की जांच की जानी है. गौरतलब है कि करमलीचक में 77 करोड़ की लागत से 37 एमएलडी का एसटीपी और 254 करोड़ की लागत से 97 किमी का सीवरेज नेटवर्क तैयार करना है.