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पटना : बैंक खातों में जमा हैं विभागों व निगमों के 40 हजार करोड़
इसमें बोर्ड और निगमों के सबसे ज्यादा 27 हजार करोड़ जमा हैं बैंक या पीएल खातों में पटना : अब भी सरकारी विभागों, बोर्ड और निगमों के बैंक खातों या पीएल खातों में 40 हजार करोड़ रुपये जमा हैं. इसमें 10 हजार करोड़ के आसपास वैसे रुपये हैं, जिनका कोई हिसाब नहीं है. कुछ रुपये […]
इसमें बोर्ड और निगमों के सबसे ज्यादा 27 हजार करोड़ जमा हैं बैंक या पीएल खातों में
पटना : अब भी सरकारी विभागों, बोर्ड और निगमों के बैंक खातों या पीएल खातों में 40 हजार करोड़ रुपये जमा हैं. इसमें 10 हजार करोड़ के आसपास वैसे रुपये हैं, जिनका कोई हिसाब नहीं है. कुछ रुपये तो ऐसे हैं, जो कई सालों से खातों में पड़े हुए हैं. इनका कोई सही लेखा-जोखा नहीं है.
इन्हें किस मद में निकाला गया था और किस मद में बैंक खातों में जमा करके रखा गया था. इसकी सटीक जानकारी नहीं है. वित्त विभाग ने हाल में सरकारी रुपये को खजाने में ही रखने और बेवजह इन रुपयों को बैंक खातों में जमा नहीं करने का निर्देश सभी विभागों को दिया था. इसके बाद विभागों ने करीब 10 हजार करोड़ सरकारी खजाने में सरेंडर किये. परंतु अब भी काफी बड़ी मात्रा में सरकारी राशि बैंक खातों में पड़े हुए हैं. इसमें आठ से 10 हजार करोड़ रुपये ऐसे हैं, जिनका कोई स्पष्ट हिसाब ही नहीं मिल पाया सरकार को.
यानी ये रुपये किस मद में निकाले गये और किस मद में जमा कराना है, इसकी कोई जानकारी नहीं होने से विभाग इसे एडजस्ट नहीं करवा पा रहे हैं. विभागों के अलावा बड़ी संख्या में बोर्ड और निगमों के रुपये बैंक खातों में जमा हैं. 40 हजार करोड़ में 20 से 22 हजार करोड़ रुपये विभिन्न बोर्ड या निगमों के हैं, जो बैंक खातों में जमा हैं. इसमें सबसे ज्यादा राशि 10 हजार करोड़ बुडको की है, जो अलग-अलग खातों में पड़े हैं. बैंकों में राशि पड़ी होने से इस पर सामान्य बचत खाता के मुताबिक ही तीन से साढ़े तीन प्रतिशत का ब्याज मिलता है.
नियमानुसार, ब्याज के रुपये भी सरकारी खजाने में जमा करने हैं या ब्याज के इन रुपयों को योजना पर ही खर्च करना है. राशि सरकारी खजाने में जमा नहीं होने से ये इन रुपये पर मिलने वाला ब्याज भी सरकारी खजाने में जमा नहीं हो पा रहे हैं. ये रुपये भी बैंक में पड़े रुपये के साथ जमा हैं.
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