पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सरकारी बंगले को खाली नहीं करेंगे. पटना हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले के बाद तेजस्वी ने डबल बेंच में अपील की है. राजद ने इस मामले में हाईकोर्ट से स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध भी किया है. छह अक्टूबर को जस्टिस ज्योति शरण की एकल बेंच ने बंगला खाली करने का आदेश दिया था, जिसके खिलाफ तेजस्वी की तरफ से गुरुवार को डबल बेंच में अपील की गयी. अदालत में अवकाश रहने के कारण अब सुनवाई 25 अक्टूबर के बाद ही संभव है. नेता प्रतिपक्ष देशरत्न मार्ग स्थित पांच नंबर बंगले में रहते हैं.
डबल बेंच में अपील की पुष्टि करते हुए राजद विधायक व प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा है कि नेता प्रतिपक्ष सरकारी बंगले को खाली नहीं करेंगे. उनके साथ अन्याय हो रहा है. उन्होंने कहा कि न्याय के लिए हमने डबल बेंच में अपील की है. उच्च न्यायालय का जो भी निर्देश होगा, हम उसका पालन करेंगे. भाई वीरेंद्र ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में मुख्यमंत्री के बाद सबसे बड़ा पद नेता प्रतिपक्ष का होता है. इस आधार पर उनसे बंगला खाली नहीं कराया जाना चाहिए. राजद विधायक ने राज्य सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया और कहा कि बिहार में कई पूर्व विधायक और सांसद हैं, जो बंगले में रहते हैं. आखिर उन्होंने क्यों नहीं अपना आवास खाली किया. यह सरकार की दोहरी नीति का परिचायक है.
विदित हो कि 2015 में उपमुख्यमंत्री बनने के बाद तेजस्वी यादव को ये बंगला आवंटित किया गया था. लेकिन, पिछले साल राजद के सत्ता से बाहर होने के बावजूद भी वह इसी बंगले में रह रहे हैं. सरकार की ओर से 5, देशरत्न मार्ग बंगला वर्तमान उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के नाम पर आवंटित किया है. लेकिन तेजस्वी द्वारा बंगला नहीं छोड़े जाने से सुशील मोदी अब तक उसमें शिफ्ट नहीं हो पाये हैं.