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आसरा शेल्टर होम : 10 अगस्त को ही दोनों युवतियों ने तोड़ दिया था दम, पोस्टमार्टम के बाद होगा मौत का खुलासा

पटना : अल्पावास हो या आसरा गृह इनका प्रबंधन विवादों के घेरे में आ गया है. पटना के अल्पावासों के बाद राजीव नगर स्थित आसरा शेल्टर होम विवादों के घेरे में है. 10 अगस्त को इसी शेल्टर होम में लड़कियों से छेड़छाड़ और उन्हें भगाने की साजिश सामने आयी थी. उसी रात दो युवतियों पूनम […]

पटना : अल्पावास हो या आसरा गृह इनका प्रबंधन विवादों के घेरे में आ गया है. पटना के अल्पावासों के बाद राजीव नगर स्थित आसरा शेल्टर होम विवादों के घेरे में है. 10 अगस्त को इसी शेल्टर होम में लड़कियों से छेड़छाड़ और उन्हें भगाने की साजिश सामने आयी थी. उसी रात दो युवतियों पूनम (17 वर्ष) और बबली (35 वर्ष) ने संदिग्ध परिस्थितियों में दम तोड़ दिया था. उनका पोस्टमार्टम आनन-फानन में कराया गया. उनमें एक का तो अंतिम संस्कार भी कर दिया गया. अंतिम संस्कार में मृत युवती के परिजन थे या नहीं, इसका भी अभी ठीक से पता नहीं चला है.
इन घटना की भनक किसी अधिकारी को भी लगने दी गयी. रविवार को जब मामले का खुलासा हुआ तो दोपहर तक पीएमसीएच, पुलिस और प्रशासन के शीर्ष अफसर ऐसे किसी मामले के होने से इन्कार करते रहे.
चार महिलाएं गयी थीं पीएमसीएच : प्रभात खबर की पड़ताल के मुताबिक शहर के आसरा शेल्‍टर होम में शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात चार महिलाएं इलाज के लिए पीएमसीएच रवाना की गयीं. युवतियों के पीएमसीएच रवाना होने के दरम्यान वहां बतौर दो या तीन पुलिस कर्मी तैनात भी रहे. हालांकि उन्होंने कुछ भी पता होने से साफ इन्कार कर दिया. आसरा शेल्टर होम परिक्षेत्र पहुंची प्रभात खबर टीम को बताया गया कि चार में से दो युवतियां लौट आयी थीं.
दो रविवार की दाेपहर तक नहीं लौटीं. शेल्टर होम के एक गैर आधिकारिक प्रतिनिधि ने बताया कि यहां शव नहीं लौटा है. इधर पीएमसीएच का कहना है कि मेडिकल बोर्ड का गठन कर दिया गया है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद का खुलासा होगा.
डीएम-एसएसपी के सामने बोलीं आसरा गृह की लड़कियां दोनों दीदी काफी दिनों से बीमार थीं
राजीवनगर के नेपालीनगर में मौजूद आसरा गृह में पूनम और बबली की मौत के बाद पूरे दिन डीएम-एसएसपी की जांच चलती रही. शाम के चार बजे से लेकर रात के 10 बजे तक दोनों अधिकारी आसरा गृह जांच करने पहुंचे थे. मानसिक तौर पर स्वस्थ्य करीब एक दर्जन लड़कियों से पहले पूछताछ की गयी और फिर सभी का बयान दर्ज किया गया.
डीएम और एसएसपी के सामने लड़कियों ने अपने बयान में कहा कि पूनम और बबली दीदी काफी दिनों से बीमार थीं. लेकिन उनका सही तरीके से इलाज नहीं हो रहा था. शुक्रवार की रात दोनों की हालत ज्यादा खराब हो गयी. उन्हें उल्टी-दस्त होने लगा. इसके बाद आनन-फानन में उन्हें इलाज के लिए ले जाया गया.
डीएम ने एसडीओ और एसडीपीओ-आईसीडीएस से तलब की रिपोर्ट : इस पूरे मामले में छह घंटे तक हुई पूछताछ के बाद डीएम रवि कुमार ने एसडीओ और एसडीपीओ-आईसीडीएस प्रियंवदा भारती से रिपोर्ट तलब किया है. उनसे कई बिंदुओं पर जवाब मांगा गया है.
शेल्टर होम में पसरा रहा सन्नाटा
फिलहाल आसरा होम में सन्नाटा पसरा हुआ है. 70 से अधिक लोगों के आवास बने इस शेल्टर होम में दोपहर को एक आवाज नहीं सुनाई दे रही थी. प्रभात खबर ने पाया कि शेल्टर होम को दोहरे ताले में बंद रखा गया है. पहला ताला बाउंड्रीवाल और उसके बाद बिल्डंग के गेट में लगा है.
सचिव ने क्यों बोला झूठ
दरअसल आसरा गृह के सचिव चिरंतन ने पहले बताया कि शुक्रवार की रात करीब 8:30 बजे जब पूनम और बबली की तबीयत खराब हुई, तो वह दोनों को लेकर पीएमसीएच गया था, जबकि पीएमसीएच में मौजूद रिकॉर्ड के मुताबिक दोनों को अासरा गृह में काम करने वाली बेबी कुमारी सिंह ने भर्ती कराया था. पुलिस इस संबंध में चिरंतन से पूछताछ की है.
पूछताछ में बताया गया है कि युवती पूनम एक अगस्त को तथा महिला बबली अप्रैल 2018 में आसरा गृह मेें आयी थीं. एसआईटी का गठन किया गया है, छानबीन की जा रही है. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.
फेफड़े में संक्रमण व डायरिया
पूनम (17 वर्ष) और बबली (35 वर्ष) को आसरा होम के कर्मचारियों की देखरेख में शुक्रवार की शाम को पीएमसीएच में इलाज के लिए भेजा गया था. जानकारों ने बताया कि एक को फेफड़े में संक्रमण था, वहीं दूसरे को बुखार-पेट दर्द की परेशानी थी. हालांकि अस्पताल प्रशासन का दावा है कि भर्ती से पहले ही दोनों मरीजों की मौत हो चुकी थी. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इस मामले में आसरा गृह की ओर से जान बूझ कर लापरवाही बरती गयी है.
पूछताछ के दौरान करायी गयी वीडियो रिकाॅर्डिंग
आसरा गृह में पूछताछ के दौरान जिन लड़कियों के बयान लिये गये हैं उनका बाकयदा वीडियो रिकाॅर्डिंग किराया गया है. कैमरे के सामने बयान दर्ज कराया गया है.
लड़कियों से अंदर के हालात के बारे में पूछताछ की गयी. जिसमें दवा-इलाज में लापरवाही की बात सामने आयी है. आसार गृह के सचिव का कहना था कि वह पहले से कह रहा था कि मौत बीमारी से ही हुई है लेकिन समय से इलाज नहीं करवाने के मामले में वह फंस गया.
5 साल से लेकर 40 साल तक की लड़कियां रहती हैं
आसरा होम में पांच साल से लेकर 40 साल उम्र तक की महिलाएं, बच्चियां रहती हैं. इनमें कुछ शादीशुदा हैं, तो कुछ अपनी बच्ची के साथ रहती हैं. घर परिवार छोड़ने के बाद ही इन लड़कियों को आसरा गृह में रखा गया है. 75 में 12 को छोड़ बाकी विक्षिप्त लड़कियां व महिलाएं हैं. गृह को इसी एक मई को खोला गया था.
संस्था के कर्मचारियों से पूछे गये ये सवाल
बबली और पूनम को क्या बीमारी हुई थी. क्या पहले से उनका इलाज चल रहा था. अगर हां तो इलाज का ब्योरा मांगा गया है.
जब आसरा गृह में उनकी हालत ज्यादा गंभीर हुई, तो सबसे पहले किसको सूचना दी गयी और किस माध्यम से सूचना दी गयी थी.
जिस दिन दोनों की तबीयत खराब हुई, उस दिन दोनों ने क्या खाना खाया था.पीएमसीएच में मौत के बाद पुलिस को सूचना दी गयी या नहीं.
बनारसी को जेल भेजने पर भी उठ रहे हैं सवाल
राजीवनगर पुलिस ने 10 अगस्त को रामनगीना सिंह उर्फ बनारसी को जेल भेजा है. बनारसी पर आसरा होम
की लड़कियों से छेड़खानी करने और भागने के लिए उकसाने का आरोप है. डीएसपी लॉ एंड आर्डर ने अपनी प्रेसवार्ता में कहा था कि बनारसी ने आरी ब्लेड दिया था. लेकिन इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सवाल उठाया जा रहा है. सूत्राें की मानें तो इस मामले में छेड़खानी का मामला नहीं है. जिन तीन लड़कियों ने वहां से भागने का प्रयास किया था उनका दावा था कि वह मानसिक रूप से विक्षिप्त नहीं हैं बल्कि स्वस्थ्य हैं, लेकिन उन्हें मानिसक रोगी बताकर आसार गृह में रखा गया था. इसी वजह से वह भागना चाहती थी.
वह अक्सर खिड़की के रास्ते बनारसी को आवाज लगाती थीं और मदद मांगती थी. लेकिन शुक्रवार की भाेर में जब तीनों भागने लगीं तो बनारसी ने ही पुलिस को सूचना दिया. फिर पुलिस ने इस पूरे मामले को दबाने के लिए बनारसी को जेल भेज दिया. अब जब पूनम और बबली की मौत हो गयी है तो सवाल
उठने लगे हैं कि आखिर मौत की वजह क्या है?
बबली के शव का दोबारा होगा पोस्टमार्टम
नेपाली नगर आसरा गृह में पूनम और बबली की मौत को लेकर कई सवाल खड़े होने लगे हैं. दोनों की शुक्रवार की रात में मौत हो गयी जबकि मामला रविवार की दोपहर में सामने आया. करीब 65 घंटे तक जिले के आला अधिकारियों तक को भनक नहीं लगी.
हालांकि आसरा गृह चलाने वाले अनुमय ह्यूमन रिसोर्सेज के सचिव चिरंतन का दावा है कि उन्होंने एसडीएम समेत कई लोगों को जानकारी दी थी. वहीं राजीव नगर थाने की पुलिस का कहना है कि उन्हें जानकारी नहीं दी गयी. पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को हिरासत में लिया है. इनमें आसार गृह चलाने वाले सचिव चिरंतन, कोषाध्यक्ष मनीषा और बेबी कुमारी सिंह शामिल हैं.
दोनों का बिसराकिया गया प्रिजर्व
शुक्रवार की रात मौत होने के बाद शनिवार को पूनम और बबली के शव का पोस्टमार्टम कराया गया. दोनों का बिसरा भी प्रिजर्व किया गया है. इसके बाद पूनम के शव का दाह संस्कार कर दिया गया, जबकि बबली का शव अभी पोस्टमार्टम हाऊस में ही मौजूद है.
लेकिन रविवार को जब यह पूरा मामला सामने आया, तो प्रशासन सकते में आ गया. प्रशासन की तरफ से निर्देश दिया गया है कि बबली के शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराया जायेगा. इस दौरान देखा जायेगा कि उसके शरीर पर कोई चोट तो नहीं है.

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