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विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक से जवाब तलब
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने राजधानी से लापता हुए युवकों की दो वर्षों बाद भी बरामदगी नहीं होने और अनुसंधान में सुस्ती बरते जाने से नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक को 21 जुलाई को अदालत में उपस्थित होकर जवाब देने का निर्देश दिया है. जस्टिस डाॅ रविरंजन एवं […]
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने राजधानी से लापता हुए युवकों की दो वर्षों बाद भी बरामदगी नहीं होने और अनुसंधान में सुस्ती बरते जाने से नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक को 21 जुलाई को अदालत में उपस्थित होकर जवाब देने का निर्देश दिया है. जस्टिस डाॅ रविरंजन एवं जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ ने ब्रह्मेश्वर प्रसाद सिंह की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि उनका पुत्र विष्णु शंकर 2015 को घर से अपने दोस्तों से मिलने के लिए निकला था. जब वह घर वापस नहीं पहुंचा, तो काफी खोजबीन करायी गयी. पर उसका कहीं अता-पता नहीं चला. 25 मई, 2015 को दानापुर थाने में एक प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. पुलिस द्वारा खोजबीन करने के बाद लापता युवक की मोटरसाइकिल राजेंद्र नगर टर्मिनल पर लावारिस हालत में मिली.
पुलिस द्वारा न तो मोबाइल को एफएसएल जांच के लिए भेजा गया और न ही अनुसंधान ही सही तरीके से किया गया. दो वर्ष बाद भी ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है. अनुसंधानकर्ता ने अदालत को बताया कि उसने मोबाइल के एफएसएल जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला में भेजा जा चुका है. परंतु अभी तक जांच पूरी नहीं हुई.
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