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बिहार के गांवों में मिलेगी अब ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन की सुविधा, जानिये सारण के किन प्रखंडों को मिलेगा लाभ

जिले के स्वास्थ संस्थानों में हब एंड स्कोप प्रणाली से टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. स्वास्थ्य व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के तहत टेलीमेडिसिन की सुविधा शुरू की जायेगी.

छपरा . दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी अब बेहतर व विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी.

इसके लिए सरकार के माध्यम से जिले के स्वास्थ संस्थानों में हब एंड स्कोप प्रणाली से टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. स्वास्थ्य व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के तहत टेलीमेडिसिन की सुविधा शुरू की जायेगी.

इसके सफल क्रियान्वयन को लेकर चयनित प्रखंड चिकित्सकों, प्रखंड अनुश्रवण व मूल्यांकन सहायक, डाटा सहायक व आइसीटी कॉर्डिनेटरों को जिला स्वास्थ्य समिति के सभागार में प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान उन्होंने बताया कि अब टेलीमेडिसिन के जरिये भी मरीजों का इलाज किया जायेगा. इसके तहत मरीज अपनी समस्या बताकर डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं.

इन प्रखंडों में शुरू होगी टेलीमेडिसिन

  • सदर प्रखंड

  • मांझी

  • मशरक

  • मढ़ौरा

  • जलालपुर

  • गड़खा

  • दरियापुर

  • अमनौर

  • बनियापुर

सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को मिलेगी सुविधाएं

सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों की उपलब्धता नहीं होने से मरीजों को परेशानी होती है. ऐसे मरीजों को चिकित्सीय सुविधा देने के लिए स्‍वास्‍थ देखभाल के क्षेत्र में यह एक ऐसी सुविधा है, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके सुदूर ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचायी जा सकती है.

इसके तहत चिकित्सकीय शिक्षा, प्रशिक्षण और इसका प्रबंधन तक शामिल हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों से मरीज टेलीफोन पर ही चिकित्सा से संबंधित परामर्श प्राप्त कर सकते हैं. इलेक्‍ट्रॉनिक तरीके से मरीज चिकित्सकीय जानकारी भेज सकते हैं और वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के साथ हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर की मदद से रियल टाइम परिस्थितियों में सहायता प्राप्त कर सकते हैं.

हब एंड स्कोप प्रणाली से काम करेगी टेली मेडिसिन सुविधा

जिला स्वास्थ्य समिति के डीएमएंडइ भानू शर्मा ने बताया कि ई संजीवनी टेलीमेडिसिन क्रियान्वयन के तहत हब एवं प्रणाली के रूप में कार्यरत होगा. पीएचसी को हब व एचएससी को प्रणाली स्कोप के रूप में काम करेगा.

एचएससी स्तर पर एएनएम मौजूद रहेंगी. जहां पर मरीज आकर अपनी समस्या को बतायेंगे. इसके बाद एएनएम मरीज की हिस्ट्री लेकर ऑनलाइन पीएचसी में उपलब्ध चिकित्सक को कॉल करके मरीज से बात करायेंगी. पीएचसी में पाली बार विशेषज्ञ चिकित्सक टेलीमेडिसिन के माध्यम से मरीजों को सलाह देने के लिए उपलब्ध होंगे.

सभी चयनित प्रखंडों में तीन-तीन एचएससी को इ-संजीवनी टेलीमेडिसिन के लिए चयनित किया गया है. इसके लिए सभी चयनित प्रखंडों में एएनएम का चयन किया जा रहा है, जिन्हें इ-संजीवनी टेलीमेडिसिन के बारे में प्रशिक्षण दिया जायेगा.

Posted by Ashish Jha

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