नवादा नगर : शहरी क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं में अवैध बस पड़ाव शामिल हैं. जिला मुख्यालय में तीन बस पड़ावों का डाक जिला पर्षद द्वारा कराया जाता है. स्थानीय स्तर एजेंटों की मिलीभगत पर प्रशासन की लापरवाही से शहर के कई हिस्सों में सुबह से लेकर शाम तक अलग-अलग स्थानों पर अवैध बस पड़ाव संचालित किये जा रहे हैं.
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अवैध बस पड़ाव पर चलती है एजेंटों की मनमानी
नवादा नगर : शहरी क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं में अवैध बस पड़ाव शामिल हैं. जिला मुख्यालय में तीन बस पड़ावों का डाक जिला पर्षद द्वारा कराया जाता है. स्थानीय स्तर एजेंटों की मिलीभगत पर प्रशासन की लापरवाही से शहर के कई हिस्सों में सुबह से लेकर शाम तक अलग-अलग स्थानों पर अवैध बस पड़ाव संचालित […]
नगर में भीड़-भाड़ वाले इलाकों में रास्ते पर गाड़ियों को लगा कर सवारियों को चढ़ाया व उतारा जाता है. भगत सिंह चौक पर सरकारी बस पड़ाव के पास रोड पर ही चार से पांच बसों को एक साथ लगाकर यात्रियों को बैठाया जाता है.
पास में ही रोड पर छोटे ट्रेकर व ऑटो आदि का भी अवैध पड़ाव संचालित हो रहा है. इसके अलावे शहर में सदभावना चौक, टीचर ट्रेनिंग स्कूल परिसर, पुरानी रजौली बस स्टैंड, लाइनपार मिर्जापुर गुमटी आदि स्थानों से गलत तरीके से बसों व छोटी गाड़ियों को चलाया जाता है. खुरी नदी पुल के नीचे लाल चौक की तरफ अवैध टेंपो पड़ाव बना है. जो पुल पर जाम की समस्या बनती है.
देखकर अधिकारी करते हैं अनदेखा : प्रशासन के वरीय अधिकारी प्रतिदिन इसी रास्ते अपने आवास व कार्यालय जाते हैं. लेकिन, पिछले कई सालों से यह धंधा लगातार जारी है.शहर के अंदर समाहरणालय गेट,हाट पर,इंदिरा चौक आदि जगहों पर सुबह व शाम में बसों को खड़ी करके पैसेंजरों को उतारा व चढ़ाया जाता है.
प्रतिदिन शाम में आठ बजे मेन रोड में घुसनेवाली इन बसों से जाम की स्थिति बन जाती है. खुरी नदी पुल के लाल चौकवाली छोड़ पर अवैध तरीके से ऑटो व झरझरीया गाड़ी की अवैध पार्किंग करके स्टैंड संचालित होता है. पुल के पास तीन से चार ऑटो स्टैंड के रूप में लगे होने के साथ घुमाने,मोड़ने आदि से जाम लगातार बना रहता है.
दुर्घटनाओं का बना रहता है डर : सद्भावना चौक पर गया,पटना व रजौली की ओर जाने वाली दिशाओं में बड़ी गाड़ियां लगाकर सवारियो को चढ़ाया जाता है. यह स्थायी बस स्टैंड के रूप में बदल दिया गया है. शहर में तीन नंबर बस स्टैंड के पहले रेलवे गुमटी के पास गाड़ियों को लगाकर रोड पर ही सवारियों को चढ़ाया जाता है. इन स्थानों पर यात्री सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है.
महिला सवारियों को शौचालय के लिए काफी परेशान होते हर रोज देखा जा सकता है. सद्भावना चौक पर चारों तरफ गाड़ियों का जमावड़ा रहता है. बाइपास होने के कारण ट्रक व अन्य बड़ी गाड़ियां भी सरपट इस रास्ते में भरी रहती है. बाइपास पर अवैध स्टैंड बन जाने से यात्रियों के लिए हमेशा खतरा बना रहता है.
सरकारी बस स्टैंड हुए बेकार
शहर में लाखों रुपये की लागत से बनाये गये पटना, रांची व गया स्टैंड पर गाड़ियां नहीं लगायी जाती हैं. बुधौल बस पड़ाव को बेहतर बनाने के लिए शहरी विकास विभाग के द्वारा पिछले बजट सत्र में करोड़ों रुपये के बजट जिला को मिला है. लेकिन, इस स्टैंड का इस्तेमाल अभी नहीं किया जा रहा है.
शहर से दूर होने के कारण स्टैंड ठेकेदार अवैध रूप से शहरी क्षेत्र में ही गाड़ियों को अवैध तरीके से पार्क करा कर अपनी कमाई कर रहे हैं. बुधौल बस स्टैंड चालू होने से क्षेत्र में विकास होने के साथ-साथ रोजगार के कई नये अवसर भी बढ़ेंगे.
क्या कहते हैं लोग
अवैध बस पड़ावों का असर शहर में जाम के रूप में पड़ता है. रास्ते पर यदि गाड़ी खड़ी करके सवारियों को चढ़ाया व उतारा जाता है. सवारी बैठाने के लिए आये दिन आपसी संघर्ष की वाहन चालकों के बीच देखने को मिलता है.
सोनू अग्रवाल, पुरानी बाजार
टीचर ट्रेनिंग स्कूल के पास बड़ी बसों को जिस प्रकार से लगाया जाता है इससे कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है. इस रास्ते से स्कूली बच्चों की भीड़ आती-जाती है. इसी बीच बसों को बैक करते हुए लगाया जाता है, जो दुर्घटना में बदल सकता है.
पंकज कुमार, व्यवसायी, विजय बाजार
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