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पांच लाख का इनामी गणेश शंकर खूंटी से गिरफ्तार

बिहारशरीफ : झारखंड के प्रतिबंधित नक्सली संगठन (पीएलएफआइ) पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया का बिहार सुप्रीमो गणेश शंकर को रांची पुलिस ने झारखंड के टोरपा थाना क्षेत्र अंतर्गत कोटेगसेरा के पास से सोमवार को गिरफ्तार कर लिया. गणेश शंकर अपने एक साथी रंजीत गोप तोरपा निवासी के साथ वहां पहुंच कर लेवी की रकम वसूल […]

बिहारशरीफ : झारखंड के प्रतिबंधित नक्सली संगठन (पीएलएफआइ) पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया का बिहार सुप्रीमो गणेश शंकर को रांची पुलिस ने झारखंड के टोरपा थाना क्षेत्र अंतर्गत कोटेगसेरा के पास से सोमवार को गिरफ्तार कर लिया. गणेश शंकर अपने एक साथी रंजीत गोप तोरपा निवासी के साथ वहां पहुंच कर लेवी की रकम वसूल रहा था. झारखंड पुलिस ने गणेश शंकर को लेवी के रुपया व अन्य सामान के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.

उक्त बातों की जानकारी नालंदा के पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष ने दी. बिहार सरकार ने इस पर पांच लाख का इनाम घोषित कर रखा था. इसकी गिरफ्तारी के बाद उग्रवाद से संबंधित कई महत्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी पुलिस जुटायेगी. नालंदा के पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष ने बताया कि गिरफ्तारी की सूचना के बाद नालंदा पुलिस गणेश शंकर को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. गणेश शंकर को नालंदा लाने को लेकर पुलिस की एक टीम को रांची भेजा गया है. गणेश शंकर पर नालंदा जिले के विभिन्न थानों में दर्जनों मामले लंबित है. वर्ष 2016 तक पीएलएफआइ के बिहार सुप्रीमो की गतिविधियां जिले में खूब रहीं.

वर्ष 2015 में पटना के बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी बम ब्लास्ट के किंगपिन के रूप में उसकी पहचान कई जांच एजेंसियों द्वारा की गयी थी. नालंदा जिले के हिलसा अनुमंडल के चिकसौरा गांव निवासी नागेश्वर मिस्त्री का पुत्र गणेश शंकर पर पहला आपराधिक मामला 26 नवंबर, 2009 में बख्तियारपुर थाने में दर्ज की गयी. बख्तियारपुर थाना कांड संख्या 220\\09 के तहत इसके ऊपर आर्म्स एक्ट व विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया.
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पीएलएफआइ के बिहार सुप्रीमो के रूप में पहचान मिलने के बाद इसने हिलसा अनुमंडल सहित जिले के कई क्षेत्रों में अपने संगठन विस्तार का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया. हिलसा क्षेत्र के कुछ लड़कों को इसने संगठन से जोड़ कर रंगदारी व हत्या जैसे वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया.
नालंदा के विभिन्न थानों में दर्ज गणेश शंकर के खिलाफ आपराधिक मामले
1.बख्तियारपुर थाना कांड संख्या-220\\09 दिनांक 26.11.2009,धारा-25 (1-बी)ए\\26\\35 आर्म्स एक्ट एवं 3\\5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम
2.हिलसा थाना कांड संख्या-526\\14 दिनांक 19.11.14 धारा-387 भा.द.वी
3.हिलसा थाना कांड संख्या-276\\15 दिनांक 19.05.15 धारा-387 भा.द.वी एवं 13\\16\\18 यूएपीए एक्ट.
4.हिलसा थाना कांड संख्या-547\\15,दिनांक 29.09.15 धारा 384 भा.द.वी एवं 13\\16\\18 यूएपीए एक्ट
5.हिलसा थाना कांड संख्या-550\\15 दिनांक 01.10.15 धारा 399\\402 भा.द.वी एवं 25 (1-बी)ए\\26\\35 आर्म्स एक्ट एवं 13\\16\\18 यूएपी.
6.हिलसा थाना कांड संख्या-646\\15 दिनांक 02.12.15 धारा-307\\302\\120 (बी)\\ 34 भा.द.वी,27 शस्त्र अधिनियम एवं 10(ख)(1)\\14\\16\\18\\20 यूएपीए एक्ट.
7.बरही (झारखंड) थाना कांड संख्या-59\\14 दिनांक 08.03.14 धार-302\\307\\120 (बी)\\34 भा.द.वी,27 शस्त्र अधिनियम,17 सर.एल.एक्ट,10\\13 यूएपीए एक्ट एवं 3\\4 विस्फोटक अधिनियम.
8.लहेरी थाना कांड संख्या-254\\14 दिनांक 24.11.14 धारा-506 भा.द.वी एवं 17 सीएलए एक्ट.
9.रामकृष्ण नगर थाना कांड संख्या-146\\15 दिनांक 11.07.15 धारा-120(बी)\\भा.द.वी,3\\4 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम तथा 13 \\16\\17\\19\\20यूएपीए एक्ट.
10.चिकसौरा थाना कांड संख्या-29\\16 दिनांक 01.03.16 धारा-385\\386\\387\\34 भा.द.वी.
11.हिलसा थाना कांड संख्या-73\\16 दिनांक-19.02.16 धारा-387 भा.द.वी एवं सीएलएएक्ट.
(नोट: गणेश शंकर के खिलाफ दर्ज कांडों से संबंधित जानकारी नालंदा के पुलिस द्वारा दी गयी है. )
कौन है गणेश शंकर
गणेश शंकर मुख्य रूप से हिलसा अनुमंडल क्षेत्र के चिकसौरार का रहनेवाला है. पीएलएफआइ में प्रवेश से पूर्व यह छोटी-मोटी आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया करता था. जानकार बताते हैं कि झारखंड में वर्ष 1998-2010 के बीच माओवादियों से टूट कर झारखंड में जेएलटी (झारखंड लिबरेशन टाइगर) का एक संगठन विस्तार किया गया. संगठन का मुख्य काम बड़े व्यापारियों व बिल्डरों को डरा-धमका कर मोटी लेवी वसूलने से जुड़ा था. यह संगठन मुख्य रूप से झारंखड व बिहार के वैसे अपराधियों से संपर्क रखता था, जिसका अपने क्षेत्र में अपराध के मामले में भारी दबदबा रहता था. संगठन का प्रमुख वैसे अपराधियों को फ्रेंचाइजी के तौर पर अपने संगठन का नाम देकर उससे अपने क्षेत्र के बड़े व्यापारियों व बिल्डरों से मोटी लेवी वसूलवाता था. वसूले गये लेवी का 60 फीसदी हिस्सा संगठन में जमा कराना होता था, बाकि शेष भाग फ्रेंचाइजी स्वयं रखता था. बताया जाता है कि वर्ष 2010 में जयनाथ साहू गिरोह के प्रतिशोध में ही माओवादियों से टूट का जेएलटी नाम के संगठन का विस्तार हुआ था. बाद में पुलिस के भय से संगठन का नाम बदल कर पीएलएफआइ रख दिया गया. पीएलएफआइ द्वारा नालंदा व पटना में गणेश शंकर की बढ़ती ताकत को देखते हुए इसे बिहार का सुप्रीमो घोषित कर दिया.
गणेश शंकर की कुछ खास बातें
1. वेश बदल कर पुलिस को चकमा देने में माहिर.
2.लेवी वसूलने को लेकर प्रयोग किये जाने वाले मोबाइल फोन व सिम कार्ड का प्रयोग एक बार से ज्यादा नहीं.
3.वर्ष 2015 में पटना के बहादुरपुर हाउसिंग कॉलनी ब्लास्ट की घटना में किंगपिन की भूमिका निभाने के बाद झारखंड में लिये हुए था शरण
4. विस्फोट करने के तरीके का मास्टरमाइंड
5.संगठन के विस्तार को लेकर नालंदा के अलावे दूसरे जिले में भी स्लीपर सेल तैयार करने में माहिर

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