27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सातवें दिन भी नहीं जांची गयीं इंटर की कॉपियां

आक्रोश . वित्तरहित शिक्षक व नियोजित शिक्षकों ने मुख्यमंत्री का पुतला फूंका बिहारशरीफ : जिले के सभी मूल्यांकन केंद्रों पर मंगलवार को 7वें दिन भी नियोजित शिक्षकों तथा वित्तरहित शिक्षकों के भारी विरोध के कारण इंटरमीडिएट परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य बंद रहा. मूल्यांकन कार्य से जुड़े सभी शिक्षक नालंदा कॉलेज के परिसर में […]

आक्रोश . वित्तरहित शिक्षक व नियोजित शिक्षकों ने मुख्यमंत्री का पुतला फूंका

बिहारशरीफ : जिले के सभी मूल्यांकन केंद्रों पर मंगलवार को 7वें दिन भी नियोजित शिक्षकों तथा वित्तरहित शिक्षकों के भारी विरोध के कारण इंटरमीडिएट परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य बंद रहा. मूल्यांकन कार्य से जुड़े सभी शिक्षक नालंदा कॉलेज के परिसर में निर्धारित समय पर उपस्थित तो अवश्य हुए, लेकिन कुछ ही देर बार शिक्षकों द्वारा आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन शुरू कर दिया गया.
सरदार पटेल मेमोरियल कॉलेज, बिहारशरीफ तथा सोगरा प्लस टू हाइ स्कूल बिहारशरीफ मूल्यांकन केंद्र से संबंधित शिक्षक भी नालंदा कॉलेज में एकत्रित होकर अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में जुलूस भी निकाले. सैकड़ों की संख्या में वित्तरहित तथा नियोजित शिक्षकों ने स्थानीय कचहरी चौराहा पर पहुंच कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा शिक्षामंत्री डाॅ अशोक चौधरी का पुतला दहन कर अपना विरोध जताया. इस मौके पर शिक्षकों ने सरकार विरोधी नारे लगा कर जम कर भड़ास निकाली. वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोरचा के जिलाध्यक्ष विजय कुमार पांडेय ने कहा कि सूबे की शिक्षा के विकास में महत्वपूर्ण भागीदारी करनेवाले वित्तरहित कॉलेजों के कर्मियों को सरकार विद्यार्थियों के रिजल्ट पर आधारित अनुदान देकर अपनी पीठ थपथपा रही है.
सच्चाई यह है कि महंगाई के इस जमाने में 2-4 वर्षों पर मिलने वाला सरकारी अनुदान ऊंट के मुंह में जीरा के समान है. सरकार ने वित्तरहित शिक्षा नीति की समाप्ति की घोषणा भी कर दी. लेकिन सच्चाई यह है कि विगत पांच वर्षों का अनुदान भी लंबित है. उन्होंने कहा कि सरकार वित्तरहित कर्मियों के लिए अब अनुदान के बजाय नियमित वेतन की घोषणा करे. अन्यथा शिक्षक मूल्यांकन कार्य के साथ अन्य शैक्षणिक गतिविधियों को भी ठप करने पर मजबूर होंगे. पुतला दहन के मौके पर नवनियुक्त माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष संजीत कुमार शर्मा ने कहा कि एक ही कार्य के लिए सूबे में दो प्रकार का वेतनमान दिया जाना हास्यास्पद है.
सरकार सर्वोच्च न्यायालय के समान काम के लिए समान वेतन के निर्णय को भी दरकिनार कर दिया है. नियोजित शिक्षक का कम वेतनमान तथा अब तक सेवाशर्त को लागू नहीं किया जाना सरकार की बड़ी नाकामी है. सभी कोटि के नियोजित शिक्षक अपनी मांगों को लेकर आगे भी आंदोलनरत रहेंगे. अपनी अन्य मांगों के संबंध में उन्होंने बताया कि विगत वर्ष मूल्यांकन कार्य की बकाया राशि का भुगतान, वीक्षकों के अल्पाहार की राशि का भुगतान तथा विद्यालय संचालन का समय आठ बजे पूर्वाह्न से दो बजे अपराह्न तक करना शामिल है.
वित्तरहित कर्मियों को भी नियमित वेतनमान दिया जाये तथा कॉलेजों का सरकार द्वारा अधिग्रहण किया जाये. अपनी मांगों की पूर्ति होने तक मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार जारी रहेगा. इस मौके पर शिक्षक मनोज कुमार, बिहारी मिश्रा, प्रो विनय कुमार, प्रो परमानंद यादव, विनोद कुमार, सुनील कुमार, आरके पांडेय, चंद्रशेखर प्रसाद, केबी सिंह, सविता कुमारी सहित अन्य मौजूद थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें