लोगाें को प्रेरित कर दिलायी खुले में शौच से मुक्ति
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उगावां बनी खुले में शौचमुक्त पंचायत 85 वर्षीया मुखिया शांति देवी की हर जगह चर्चा
लोगाें को प्रेरित कर दिलायी खुले में शौच से मुक्ति पंचायत में बनाये गये हैं 745 शौचालय बिहारशरीफ : अस्थावां प्रखंड का खुले में शौच से मुक्त पहला पंचायत उगावां बन गया है. शुक्रवार को सदर अनुमंडल पदाधिकारी सुधीर कुमार ने उगावां में आयोजित समारोह में उक्त आशय की घोषणा करते हुए ग्रामीणों को बधाई […]
पंचायत में बनाये गये हैं 745 शौचालय
बिहारशरीफ : अस्थावां प्रखंड का खुले में शौच से मुक्त पहला पंचायत उगावां बन गया है. शुक्रवार को सदर अनुमंडल पदाधिकारी सुधीर कुमार ने उगावां में आयोजित समारोह में उक्त आशय की घोषणा करते हुए ग्रामीणों को बधाई दी. उन्होंने इसके लिए पंचायत की बुजुर्ग महिला मुखिया शांति देवी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उम्र के 85 वें पड़ाव पर भी उन्होंने प्रखंड क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ कार्य कर अन्य पंचायतों तथा जनप्रतिनिधियों के लिए एक मिशाल कायम किया है. इस मौके पर उन्होंने मुखिया सहित अन्य जनप्रतिनिधियों को प्रशस्ति पत्र देकर उन्हें धन्यवाद दिया. इस मौके पर अंचलाधिकारी रविशंकर पांडेय ने कहा कि खुले में शौच की प्रवृत्ति का बिल्कुल परित्याग करना चाहिए. खुले में शौच करना बहु बेटियों की प्रतिष्ठा के विरूद्ध है.
साथ ही इससे विभिन्न प्रकार की बीमारियों के फैलने का भी खतरा बना रहता है. यह पिछड़ेपन की भी निशानी है. पंचायत की मुखिया शांति देवी ने पंचायत प्रतिनिधियों को शौचालय निर्माण में सहयोग के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि खुले में शौच से गांवों के चारों ओर गंदगी फैली रहती है. जिससे हर आने जाने वालों को भारी कठिनाई होती है. दूसरी ओर महिलाओं को असमय शौच आदि जाने में भी भारी परेशानी होती है. महिलाओं का मान सम्मान घर में ही शौचालय होने पर बना रह सकता है. ग्रामीणों का भी शौचालय निर्माण में सराहनीय सहयोग रहा.
इस मौके पर मुखिया प्रतिनिधि अमित कुमार, पिंटू यादव, पंकज मांझी, कंचन देवी, मो. फैशल, अरबिंद रविदास सहित सभी 14 वार्डों के सदस्य सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.
राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत लगा शिविर
सिलाव. बच्चों को सेवा जागरूकता विकास के संवर्धन के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत महाबोधी महाविद्यालय नालंदा में एकदिवसीय कैंप का आयोजन किया गया, जिसमें सभी विषय के करीब 50 विद्यार्थियों के दल ने भाग लिया. शिविर का उद्घाटन महाबोधि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अरविंद प्रसाद ने किया. उन्होंने कहा कि कैंप लगाने का मुख्य उद्देश्य बच्चों को सेवा भाव से जोड़ना है. जब बच्चों में सेवा भाव पैदा होगा, तब उसमें सकारात्मक सोच पैदा होगा. जिसमें आत्मविश्वास बढ़ेगा, तभी व देश, राज्य, संस्थान के हित में कार्य करेगा. जरूरत है कि देश को सर्वोपरि समझे और यह भी कहा कि मानव सेवा से बढ़ कर कोई धर्म नहीं है. इस शिविर में उपस्थित योजा के प्रोग्राम पदाधिकारी राजाराम प्रसाद ने विद्यार्थियों को कठोर ज्वलंत समस्याओं के बारे में अवगत करा कर उसके निराकरण की विधि ढूंढने का अर्थ बताया. कैंप के माध्यम से बच्चों में एड्स, रक्तदान, शराब पीना या अपराध, स्वच्छ भारत इत्यादि के बारे में जानकारी दी.इस अवसर पर समाजशास्त्र के प्रो. सुधीर कुमार वर्मा, राजनीति शास्त्र के विभागध्यक्ष प्रो. सहदेव प्रसाद, रसायनशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. श्याम किशोर प्रसाद, भूगोल के प्रो. सहदेव प्रसाद मौजूद थे.
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