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लोकायन नदी का जल स्तर थमा

राहत. बाढ़ का पानी निकला, राहत शिविर से घर लौटे बाढ़पीड़ित बाढ़ से सैंकड़ों एकड़ में लगी फसल बरबाद पानी घटने के बाद महामारी की आशंका करायपरसुराय : बीते दिनों से लोकायन व भुतही नदी की विभिषका से प्रखंड के पश्चिमी इलाके में बाढ़ से तबाही का आलम था. कई गांवों में बाढ़ का पानी […]

राहत. बाढ़ का पानी निकला, राहत शिविर से घर लौटे बाढ़पीड़ित

बाढ़ से सैंकड़ों एकड़ में लगी फसल बरबाद
पानी घटने के बाद महामारी की आशंका
करायपरसुराय : बीते दिनों से लोकायन व भुतही नदी की विभिषका से प्रखंड के पश्चिमी इलाके में बाढ़ से तबाही का आलम था. कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया था. लोग ऊंचे स्थान व राहत शिविर में जिंदगी गुजारने पर मजबूर थे. हालांकि बीते सोमवार से लगातार दोनों नदियों के जलस्तर में हो रही गिरावट के बाद जलस्तर थम गया है. गांवों से पानी तो निकल गया, लेकिन इलाके के सैकड़ों एकड़ खंधा टापू बना हुआ है. गांवों से बाढ़ का पानी निकलते ही शिविर से लोग घर वापस जाकर अपने अपने घरों व फटियाली जिंदगी पर मरहम लगाने में जुट गये हैं. उधर बाढ़ का पानी निकलने के बाद कूड़े कचड़े के ढेर से बदबू निकलने लगा है.
जिससे गांव में महामारी फैलने की आशंका बन गयी है. हालांकि बाढ़ प्रभावित गांवों से पानी निकलने के बाद मेडिकल टीम लगातार उक्त गांव में कैंप कर रही है एवं गलियों, नालों में बिलीचिंग किया जा रहा. दवा का भी वितरण जा रहा है. वहीं नदियों के जलस्तर पर भी स्थानीय प्रशासन लगातार नजर बनाये हुए हैं. बताया जाता है कि एक सप्ताह पूर्व से लोकायन नदी ने शुरुआती दौर में प्रखंड के तीन गांवों को डुबो दिया था. जबकि चार दिन पूर्व लोकायन एवं भुतही नदी ने एक साथ बौराई और फिर इलाके को झकझोर कर रख दिया था. जिसे प्रखंड के मेढ़मां बिगहा, झरहापर एवं बेरमा गांव को बाढ़ के चपेट में ले लिया था.
ग्रामीण अपनी घर द्वार छोड़ सड़कों व शिविर में शरण ले रखा था. घरों में बाढ़ का पानी घुसने के बाद काफी संपत्ति की क्षति हुआ. हालांकि सोमवार की शाम से नदियों में धीरे-धीरे जलस्तर में कमी आने लगी. जिसके बाद लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली.प्रखंड के बाढ़ प्रभावित अधिकांश गांवों से तो पानी निकल गया है. लोग अपने अपने घरों को संवारने में जुट गये हैं. पर अभी भी चिंता बना हुआ है कि सालों का निवाला के लिए लगाये गये फसल नष्ट हो गये.
अभी तक खंधा में पानी भरा हुआ है. पीडि़तों ने बताया कि बाढ़ ने सैकड़ों एकड़ में लगी फसल नष्ट हुआ है. पता नहीं सरकार द्वारा मुआवजा दिया जायेगा या नहीं. अगर इस फटियाली जिंदगी पर थोड़ी सी सरकार की मदद मिल जाती है तो अच्छा होता.
राहत शिविर का चूल्हा हुआ बंद, पीड़ित लौटे घर:
प्रखंड में बाढ़ के कहर को देखते हुए जिला प्रशासन के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन द्वारा बाढ़ पीडि़तों के लिए मध्य विद्यालय जलालपुर में बाढ़ राहत शिविर लगा कर प्रभावित गांव मेढ़मां बिगहा, बेरमा एवं झरहापर गांव के करीब तीन सौ पीडि़त का भोजन बन रहा था, लेकिन गांवों से बाढ़ का पानी निकलने के बाद लोग घर लौट गये.
बाढ़ से हुई नष्ट फसल का सर्वे कार्य जारी:
करायपरसुराय प्रखंड के पश्चिमी इलाके में लगातार दूसरी बार आयी बाढ़ से क्षति हुए फसलों की सर्वे कार्य प्रखंड कृषि पदाधिकारी द्वारा शुरू कर दिया गया है. बीडीओ प्रेम राज ने बताया कि खंधा से पानी निकलते ही नष्ट हुए फसलों का सर्वें कर उन्हें उचित मुआवजा दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि इलाके में बाढ़ की स्थिति सामान्य हो गयी है. बचे बाढ़ प्रभावित गांव के करीब 26 घरों में बाढ़ का पानी कल तक घुस हुआ था, लेकिन उक्त घरों से भी पानी निकल गया है.
पानी निकलने के बाद गांव में हेल्थ विभाग को लगा दिया गया है. महामारी से बचने के लिए प्रभावित गांव के गलियों व नालों में बिलिचिंग का छिड़काव किया जा रहा है एवं नि:शुल्क दवा वितरण किया जा रहा. पीडि़तों के स्वास्थ्य पर हमेशा ध्यान रखा जा रहा.

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