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पत्नी को पसंद हैं मुजफ्फरपुर के मॉल, पार्क और बाजार, पति से मांग- साथ रखो, नहीं तो तलाक दो

निम्न मध्यमवर्गीय परिवार की महिलाएं अपने पतियों पर उन्हें मुजफ्फरपुर शहर में रखने का दबाव बना रही हैं. पति कम आय का हवाला देकर शहर में रखने से इंकार कर रहा है. पति अपनी शिकायत लेकर महिला थाना समेत शहर के कई थानों में पहुंच रहा है.


चंदन सिंह , मुजफ्फरपुर. मुजफ्फरपुर उत्तर बिहार की औद्योगिक राजधानी कही जाती है. यहां की लाइफस्टाइल भी अब पूरी तरीके से मॉडर्न हो चुकी है. शहर में जगह- जगह मॉल, पार्क, मल्टी पैलेस सिनेमा हॉल खुल गए हैं. ऐसे में अपर मिडिल क्लास की महिलाएं तो मुजफ्फरपुर शहर का लाइफस्टाइल तो एन्जॉय करती ही है, लोअर मिडिल क्लास की महिलाएं भी अब शहर में रहने की जिद कर रही है. वे भी अब शहर में रहकर बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ाने, पार्क व मॉल में घूम कर यहां की लाइफस्टाइल को जीना चाह रही है. पत्नी की यह जिद उनके बीच में विवाद का कारण बन रहा है.

पिछले दिनों पति के साथ शहर में रहने की जिद को लेकर एक महिला काजीमोहम्मदपुर थाने पहुंच गयी. महिला का कहना था कि उसको भी किराये पर कमरा लेकर अपने साथ रखो. नहीं तो दहेज प्रताड़ना के केस में फंसा कर जेल भिजवा देंगे. या फिर तलाक ले लेंगे. करीब चार घंटे तक काजीमोहम्मदपुर थाने की महिला पुलिस पदाधिकारी उस औरत को समझाने का प्रयास किया. लेकिन, वह मानने को तैयार नहीं थी. उसका साफ कहना था कि वह अपने पति के साथ शहर में ही रहेगी. नहीं तो उसको तलाक दे दिया जाए.

बाद में पति -पत्नी को शहर में रखने के लिए तैयार हो गया. इसके बाद मामला शांत हुआ. शहर में रहने को लेकर पति- पत्नी के बीच में यह कोई पहला विवाद नहीं है, इससे पहले महिला थाना व सदर थाने पर भी इस तरह का मामला पहुंच चुका है. जिसको काउंसलिंग के बाद सुलझाया गया है. अब शहर में पत्नी की तरह पति भी प्रताड़ित हो रहे हैं, लेकिन, लोक – लाज के डर से थाना तक शिकायत नहीं करने पहुंच रहे हैं.

बच्चे को पढ़ाने के लिए शहर में रहने का होता है जिद

अधिकांश लोअर मिडिल क्लास फैमिली की महीने की इनकम इतनी ज्यादा नहीं होती है कि वह अपनी पत्नी व बच्चों को शहर में रखकर पढ़ा सके. इसको लेकर पत्नी के साथ विवाद शुरू होता है. महिला का कहना होता है कि गांव में उसके बच्चे को अच्छी शिक्षा नहीं मिलेगी. विवाद बढ़ने पर पति किसी तरह से उसको समझाने की कोशिश करता है. लेकिन, जब पत्नी नहीं मानती है तो उसके परिवार बचाने के लिए शहर लाना पड़ता है. बच्चे को पढ़ाने का तो यह बहाना होता है. मोबाइल पर जो वे अलग- अलग तरह की लाइफस्टाइल देखती है. इस वजह से उनका शहर की ओर ज्यादा झुकाव होता है.

पति- पत्नी के हर विवाद का काउंसलिंग से सुलझाने का करते हैं प्रयास 

महिला थानेदार अदिति कुमारी का कहना है कि पति- पत्नी के बीच के हर विवाद को काउंसलिंग से सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है. अधिकांश मामले घरेलू हिंसा व दहेज प्रताड़ना के आते हैं. कुछ समय पहले शहर में पति के साथ रहने को लेकर भी महिला के बीच में विवाद का मामला सामने आया था. बाद में काउंसलिंग करके उनको सुलझा लिया गया था.

यह था मामला

काजीमोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के एक दुकान में 10 हजार की नौकरी करने वाले वैशाली जिले के युवक की पत्नी उसके साथ शहर में रहने की जिद करती है. युवक का कहना होता होता है कि उसकी सैलरी इतनी नहीं है कि वह शहर में उसको साथ रख सके. वह पत्नी दिन भर काम करके रात में पत्नी व बच्चों के पास बस पकड़ कर पहुंच जाएगा. लेकिन, महिला अपनी मां व बहन के साथ काजीमोहम्मदपुर थाने पहुंच जाती है. पति को जेल भिजवाने से लेकर तलाक तक की धमकी दे देती है. महिला का ससुर थाना क्षेत्र में ही एक चाय की दुकान चलाता है. बाद में पुलिस की काउंसलिंग के बाद महिला को समझाया जाता है.

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