Muzaffarpur News:मुजफ्फरपुर के SKMCH अस्पताल में मंगलवार को एक भावुक और प्रेरणादायक दृश्य देखने को मिला, जब एक पोते ने अपनी गंभीर रूप से बीमार दादी की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए अस्पताल परिसर में ही विवाह रचा लिया. मिठनपुरा निवासी गीता देवी लंबे समय से बीमार थीं और ICU में भर्ती थीं. उनकी अंतिम इच्छा थी कि वे अपने पोते की शादी होते हुए देख सकें और अपनी बहू का स्वागत कर सकें.
अंतिम इच्छा का सम्मान
गीता देवी ने परिजनों के सामने अपनी अंतिम इच्छा रखी कि वे अपने पोते अभिषेक कुमार की शादी अपनी आंखों के सामने देखना चाहती हैं. जब डॉक्टरों ने परिजनों को बताया कि उनकी स्थिति गंभीर है और वे ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह पाएंगी, तो परिवार ने तुरंत शादी करने का फैसला लिया. अभिषेक ने अपनी दुल्हन के परिवार से संपर्क किया और उन्हें अस्पताल बुलाया. परिवार के सभी सदस्यों की सहमति से इस अनोखी शादी की तैयारी शुरू की गई.
अस्पताल परिसर के मंदिर में रचाई शादी
अस्पताल परिसर में स्थित मंदिर में अभिषेक और उनकी दुल्हन ने शादी की रस्में पूरी कीं. विवाह समारोह में दोनों परिवारों के सदस्य, रिश्तेदार और अस्पताल के कुछ कर्मचारी भी मौजूद थे. जैसे ही शादी संपन्न हुई, नवविवाहित जोड़े ने आईसीयू में भर्ती गीता देवी के पास जाकर उनसे आशीर्वाद लिया. अपनी आंखों के सामने पोते को दूल्हा बना देख गीता देवी की खुशी का ठिकाना नहीं था.
शादी के दो घंटे बाद ली अंतिम सांस
दादी गीता देवी ने अपनी अंतिम इच्छा पूरी होने के बाद लगभग दो घंटे बाद अंतिम सांस ली. परिजनों के अनुसार, उनकी आंखों में संतोष और खुशी थी कि वे अपने पोते की शादी देख सकीं. यह पल पूरे परिवार के लिए भावनात्मक था, जहां खुशी और गम दोनों का मिला-जुला अनुभव था.
अप्रैल में तय थी शादी, लेकिन स्थिति ने बदला फैसला
अभिषेक और उनकी दुल्हन, दोनों मिठनपुरा के रहने वाले हैं. पहले से ही दोनों परिवारों के बीच विवाह तय था और अप्रैल में शादी की तारीख निर्धारित थी. लेकिन गीता देवी की गंभीर स्थिति को देखते हुए परिवार ने तुरंत शादी करने का निर्णय लिया. अभिषेक के चाचा दिलीप कुमार ने बताया कि डॉक्टरों ने कहा था कि गीता देवी को अन्य अस्पताल में रेफर करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनकी स्थिति काफी नाजुक थी और बचने की संभावना कम थी.
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एक प्रेरणादायक कहानी
यह घटना न केवल परिवार के प्रति प्रेम और सम्मान को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि किसी प्रियजन की अंतिम इच्छा पूरी करना कितना महत्वपूर्ण होता है. अभिषेक कुमार द्वारा उठाया गया यह कदम हर किसी के लिए एक प्रेरणा है, जो दिखाता है कि रिश्तों में भावनाओं की अहमियत सबसे ऊपर होती है.