कटरा़ प्रखंड के गद्दी चौक के निकट कटरा पंचायत के बाढ़ प्रभावित लोगों द्वारा मुजफ्फरपुर से प्रखंड मुख्यालय तक आने वाली सड़क को जाम कर दिया़ इस कारण यातायात करीब एक घंटा तक बंद रहा. इस दौरान आने-जाने वाले लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. लोगों की मांग थी कि हमलोगों के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया था. बाढ़ राहत मिलनी चाहिए. थानाध्यक्ष पंकज कुमार सिंह के प्रयास से सड़क को खाली कराकर यातायात चालू कराया गया.
पीपा पुल से चारपहिया वाहन भी चलना शुरू, लोगों को राहत
कटरा़ प्रखंड मुख्यालय स्थित बागमती नदी पर बने पीपा पुल से लगभग एक सप्ताह बाद दोपहिया व चारपहिया वाहनों का परिचालन शुरू हो गया़ इससे प्रखंड के उत्तरी हिस्से की 14 पंचायतों के लोगों को प्रखंड मुख्यालय तक आने में सहूलियत होगी. गौरतलब है कि बाढ़ के दिनों में प्रखंड के उत्तरी हिस्से की 14 पंचायतों के लोगों को दो से दस किलोमीटर की दूरी की जगह लगभग 50 किलोमीटर तक की दूरी तय कर प्रखंड मुख्यालय तक आना पड़ता था. गौरतलब है कि वर्ष 1997 में आयी भीषण बाढ़ में नदी पुराने पुल को छोड़कर बगल से धारा बना ली थी. उसके बाद नाव का परिचालन करा कर यातायात कराया जाता था. जिसमें नाव दुर्घटनाग्रस्त होने से लगभग चार-पांच लोगों की जान चली गयी थी. उसके बाद बागमती नदी पर धनौर निवासी चैतु सिंह द्वारा चचरी पुल का निर्माण किया गया. चचरी पुल के विवाद में चचरी पुल संचालक कटरा निवासी नरेन्द्र सिंह व बकुची निवासी राजकुमार भगत की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. पुल निर्माण के लिए बसघट्टा निवासी अशोक साह द्वारा प्रखंड मुख्यालय पर आमरण अनशन भी किया गया था. फिर भी 30 वर्षों के पश्चात आज तक पीपा पुल की जगह अबतक पक्का पुल का निर्माण नहीं हो सका. जो सड़क सह पुल कटरा प्रखंड के चौदह पंचायत सहित औराई प्रखंड, पुपरी, जाले, कमतौल, अहिल्या स्थान, जनकपुर, दरभंगा को जोड़ने का काम करती है.
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