एइएस पीड़ितों के इलाज के लिए डॉक्टरों को मिला प्रशिक्षण
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चमकी-बुखार के मरीज के सुगर की जांच करें
एइएस पीड़ितों के इलाज के लिए डॉक्टरों को मिला प्रशिक्षण मुजफ्फरपुर : एइएस की रोकथाम व इलाज के लिए गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग ने क्लब रोड स्थित एक रेस्टोरेंट में तीन दिवसीय कार्यशाला आयोजित की. इस अवसर पर मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी व शिवहर के सभी पीएचसी के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को एइएस के इलाज की ट्रेनिंग […]
मुजफ्फरपुर : एइएस की रोकथाम व इलाज के लिए गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग ने क्लब रोड स्थित एक रेस्टोरेंट में तीन दिवसीय कार्यशाला आयोजित की. इस अवसर पर मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी व शिवहर के सभी पीएचसी के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को एइएस के इलाज की ट्रेनिंग दी गयी.
पटना से आये शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ एके तिवारी ने कहा कि चमकी व बुखार से पीड़ित मरीजों की सभी तरह की जांच जरूरी है. जैसे ही बच्चे को इलाज के लिए लाया जाये, उसका ब्लड सूगर मापा जाना चाहिए. कम होने पर मानक के अनुसार इलाज करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बच्चों के इलाज के लिए सरकारी ने जो गाइड लाइन दिये हैं, उसका पालन करना सभी डॉक्टरों काे करना जरूरी है. सिविल सर्जन डॉ ललिता सिंह ने कहा कि एइएस के इलाज के लिए पीएचसी स्तर पर सभी तरह के संसाधन उपलब्ध कराये जा रहे हैं.
डॉक्टरों को गाइड लाइन के तहत इलाज करना चाहिए. एसकेएमसीएच के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ गोपाल शंकर सहनी ने कहा कि एइएस पीड़ितों के इलाज में सावधानी बरतनी चाहिए. चमकी व बुखार के सभी मरीज एइएस से ग्रसित नहीं होते हैं. जबतक उसका सभी तरह की टेस्ट रिपोर्ट नहीं आये, उसे एइएस नहीं माना जा सकता.
इस मौके पर यूनिसेफ के डॉ विकास, एसीएमओ डॉ सुधा श्रीवास्तव, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ शिव शंकर, नोडल पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार, डॉ संजय कुमार, पाथ के डॉ हसन, आरपीएम प्रशांत व प्रमंडलीय मूल्यांकन व अनुश्रवण पदाधिकारी खतीबुर्रहमान मुख्य रूप से मौजूद थे. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को पूर्वी चंपारण व पश्चिमी चंपारण व शनिवार दरभंगा व समस्तीपुर के डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया जायेगा.
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