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राजभवन के रेगुलेशन पर होगी पीजी की परीक्षा

मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की पीजी फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा राजभवन के रेगुलेशन के आधार पर होगी. इसमें 70 अंक की लिखित परीक्षा ली जाएगी, जबकि अलग-अलग मानक के आधार पर 30 अंक का आंतरिक मूल्यांकन निर्धारित किया गया है. शनिवार को कुलपति डॉ पंडित पलांडे की अध्यक्षता में हुई विभागाध्यक्षों की बैठक में […]

मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की पीजी फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा राजभवन के रेगुलेशन के आधार पर होगी. इसमें 70 अंक की लिखित परीक्षा ली जाएगी, जबकि अलग-अलग मानक के आधार पर 30 अंक का आंतरिक मूल्यांकन निर्धारित किया गया है. शनिवार को कुलपति डॉ पंडित पलांडे की अध्यक्षता में हुई विभागाध्यक्षों की बैठक में यह निर्णय लिया गया. बैठक में शैक्षणिक सुधार से संबंधित प्रमुख प्रस्तावों पर चर्चा हुई तथा उस पर आम सहमति तैयार की गई.
परीक्षा के संबंध में बीआरए बिहार विश्वविद्यालय ने वर्ष 2011 में अपना रेगुलेशन तैयार किया था. इसमें 80 अंक की लिखित परीक्षा और 20 अंक का आंतरिक मूल्यांकन निर्धारित किया गया था.
हालांकि इसे राजभवन से मंजूरी नहीं मिली. वर्ष 2012 में राजभवन ने परीक्षा के लिए रेगुलेशन जारी किया, जिसमें 70 अंक की लिखित परीक्षा व 30 अंक का आंतरिक मूल्यांकन निर्धारित किया गया है. डॉ पलांडे ने बताया कि आंतरिक मूल्यांकन में 10 अंक उपस्थिति व 10 अंक शैक्षणिक गतिविधि पर दिए जाएंगे. इसके अलावा अनुशासन व गैर शैक्षणिक गतिविधि पर 5-5 अंक निर्धारित होंगे.
परीक्षा से पहले दिया जाएगा विद्यार्थियों को टिप्स : पीजी के छात्रों को मॉडल सेट दिए जाने संबंधी छात्रसंघों की मांग पर भी बैठक में चर्चा हुई.
23 पीजी विभागों में सिर्फ एक विभाग में मॉडल सेट विद्यार्थियों को दिया जाता है, जिस पर आपत्ति जताई गई थी. बैठक के दौरान इस बात चर्चा हुई कि पीजी फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा 30 दिसंबर से संभावित है. ऐसे में सभी विभागों के विद्यार्थियों को मॉडल सेट दिया जाना संभव नहीं है. कुलपति ने सभी विभागाध्यक्षों को कहा कि विद्यार्थियों को प्रश्न-पत्र के संभावित प्रारूप के बारे में टिप्स देंगे.
पठन-पाठन व शोध का माहौल बनाने पर जोर : विश्वविद्यालय में पठन-पाठन व शोध का माहौल बनाने पर भी जोर दिया गया. बैठक में तय किया गया कि वर्ग कक्ष नियमित चलाने के लिए प्रयास किया जाए. सभी शिक्षकों को चार घंटे तक विभाग में समय देना अनिवार्य किया गया. विभागीय सेमिनार कराने पर भी चर्चा हुई, जिस पर सभी विभागाध्यक्षों ने अपना पक्ष रखा. वहीं व्यवस्था सुधारने के लिए पीजी डिपार्टमेंट के औचक निरीक्षण की भी बात हुई. शिक्षकों के अवकाश पर जाने का मामला उठा तो वीसी ने कहा कि इसका विवरण विश्वविद्यालय में रखा जाय.
विभागाध्यक्षों ने परीक्षा विभाग पर साधा निशाना : शैक्षणिक व एकेडमिक सिस्टम दुुरुस्त करने के लिए हुई बैठक के दौरान कई विभागाध्यक्षों ने परीक्षा विभाग पर ही निशाना साधा. उनका कहना था कि सबकुछ ठीक होने के बावजूद जब तक परीक्षा विभाग की व्यवस्था ठीक नहीं होगी, कोई फायदा नहीं. समय पर न तो परीक्षा होती है, न ही परिणाम घोषित होते हैं. इससे विद्यार्थियों को नुकसान होता है और अन्य व्यवस्था भी प्रभावित होते हैं.

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