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मालखाने में फंसे हजारों केस, साक्ष्य मिटने का खतरा

समस्या 4 शराबबंदी के बाद से मालखाना ओवरलोड, जगह नहीं होने के कारण जब्त सामान का नहीं हो रहा रखरखाव मुजफ्फरपुर : जिले के सभी थानों का मालखाना पुराने जब्त साक्ष्य से भरा पड़ा है. मालखाना के अभाव में जब्त सामान का उचित रखरखाव नहीं हो पा रहा है. कई महत्वपूर्ण साक्ष्यों के गायब होने […]

समस्या 4 शराबबंदी के बाद से मालखाना ओवरलोड, जगह नहीं होने के कारण जब्त सामान का नहीं हो रहा रखरखाव

मुजफ्फरपुर : जिले के सभी थानों का मालखाना पुराने जब्त साक्ष्य से भरा पड़ा है. मालखाना के अभाव में जब्त सामान का उचित रखरखाव नहीं हो पा रहा है. कई महत्वपूर्ण साक्ष्यों के गायब होने से हजारों केस के निष्पादन में अनावश्यक विलंब हो रहा है. स्थिति यह है कि महत्वपूर्ण कांडों में जब्त साक्ष्यों को सुरक्षित करने के लिए पुलिस पेटी व ट्रंक का सहारा ले रही है.
शहरी थानों का तो हाल और भी बदतर है. नगर, सदर, मिठनपुरा, अहियापुर, काजीमुहम्मदपुर समेत अन्य थाने के आइओ स्वयं की व्यवस्था पर जब्ती व केस फाइलें को पेटी व ट्रंकों में सहेज रहे हैं. एक थानेदार ने बताया कि सूबे में पूर्ण शराबबंदी के बाद से मालखाना ओवरलोड हो गया है. पुलिस पदाधिकारियों व आइओ को जब्त संभालने में काफी परेशानी हो रही है. थाना का मालखाना पहले से ही ओवरलोड था, अब उसमें जब्त शराब की बोतल व कार्टन रखा जा रहा है.
जब्त वाहन या अन्य सामान को सड़क पर ही रखने की मजबूरी होती है. जब्त साक्ष्य को सुरक्षित रखने के लिए विभाग या थानेदार के स्तर से कोई सहायता नहीं मिलने से आइओ उसे अपनी व्यवस्था पर पेटी और ट्रंक में रख रहे हैं.
जिले के अधिकतर थानों का मालखाना है ओवरलोड
पेटी व ट्रंक में रखी जा रही महत्वपूर्ण साक्ष्य व केस की फाइल
कई थानों से गायब हो चुके हैं महत्वपूर्ण केस के साक्ष्य
समय पर साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करने से कांडों के निष्पादन में विलंब
बरामद हथियार नहीं मिला, कार्रवाई रुकी
नौ साल पहले जब्त हथियार प्रस्तुत नहीं होने से आरोपित के विरुद्ध सुनवाई रुक गयी है. अगस्त 2009 में मिठनपुरा पुलिस ने जगदीशपुरी लेन में चंदन कुमार शरण के यहां छापेमारी कर बड़े पैमाने पर हथियार व विस्फोटक बरामद किया था. पुलिस के आरोप पत्र समर्पित करने के बाद न्यायालय मामले में संज्ञान लेकर ट्रायल भी शुरू कर दिया. न्यायालय ने कानूनी कार्रवाई के लिए हथियार को प्रदर्श के तौर पर प्रस्तुत करने का आदेश मिठनपुरा पुलिस को दिया. नोटिस मिलने के बाद जब हथियार की खोजबीन शुरू हुई, तो वह थाने के मालखाने में नहीं मिला.
शेख दुलारे हत्याकांड का प्रदर्श गायब
ससुर की हत्या में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदी पूर्वी चंपारण के जटवा गांव निवासी शेख दुलारे की 10 नवंबर 2010 मौत हो गयी थी. तत्कालीन जेल अधीक्षक विश्वनाथ प्रसाद ने इस मामले में आत्महत्या का केस दर्ज कराया था. जेल प्रशासन ने बर्तन को ही धारदार बना कर गर्दन रेत लेने की बात कही थी. लेकिन बाद में जेल में ही सजा काट रहे बंदी दीपक राय ने उसकी हत्या होने का खुलासा करते हुए केस दर्ज करा दिया था. सीआइडी के एडीजी ने घटनास्थल से बरामद बरतन के उक्त जब्त धारदार हथियार को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.

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