मुजफ्फरपुर : एक आठ माह की बच्ची पर तीन अभिभावकों ने दावा किया है. बच्ची के लिए तीनों सोमवार को अहियापुर थाने में ही आपस में उलझ गये. इसके बाद पुलिस ने बच्ची को चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया. वहां से बच्ची को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष पेश किया गया. समिति ने तीनों अभिभावकों का बयान दर्ज किया है. फिलहाल बच्ची को अहियापुर थाना क्षेत्र निवासी निरंजन देवी के हवाले किया गया है.
इस बाबत समिति ने अहियापुर पुलिस को सूचित कर दिया है कि वह बच्ची की निगरानी करे. साथ ही कहा है समिति को जब बच्ची की जरूरत होगी तो उसे वहां पेश करवाया जाये. समिति सदस्य मो सफदर अली, वंदना शर्मा, संगीता कुमारी ने कहा कि तीनों अभिभावकों के बयान की जांच कर आगे कार्रवाई की जायेगी.
* तीनों के अपने-अपने दावे
पहली अभिभावक यूपी के कुशीनगर जिले के मधौली बाजार निवासी संगीता देवी हैं. उसने समिति के समक्ष अपने बयान में बताया कि जनवरी में वह गोरखपुर से अपने गांव जाने के लिए स्टेशन पर थी. गलती से वह मुजफ्फरपुर की ट्रेन पकड़ कर यहां आ पहुंची. जहां उसने पोलियो की दवा पिलाने वाली नर्स के समक्ष बच्चे को रख कर पानी लेने गई. जब लौटी तो बच्ची गायब थी. काफी खोजबीन के बाद उसने नर्स को खोज लिया. इसके बाद अहियापुर थाने में जाकर पूछताछ की. वहीं दूसरी अभिभावक अहियापुर थाना क्षेत्र के बखरी निवासी नर्स शालू ने बताया कि उसे बच्ची रेलवे स्टेशन पर प्रतीक्षालय में मिली.
इस संबंध में उसने अहियापुर थाने में बच्ची की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करायी. इसके बाद बच्ची को अपने पहचान की निरंजन देवी के हवाले किया. निरंजन देवी ने कहा कि उनकी भाभी को औलाद नहीं यह बच्ची उसे दे दो. इसके बाद नर्स ने बच्ची को मोतीपुर थाना क्षेत्र के टेंगरारी निवासी रोहिणी देवी के हवाले कर दिया.
तीसरी अभिभावक रोहिणी देवी चार माह से बच्ची की देखभाल कर रही है. अब वह उस बच्ची पर अपना दावा पेश कर रही है. समिति के समक्ष नर्स ने बच्ची को लेने से मना कर दिया. इसके बाद यूपी की संगीता देवी व चार माह से बच्ची का पालन-पोषण कर रही रोहिणी देवी बच्ची के ऊपर अपना दावा पेश कर रही है.