Murder Case: बिहार के औरंगाबाद से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां संताने पाने की चाहत में एक 65 साल के बुजुर्ग की नरबलि दे दी गई. तांत्रिक ने अपने साथियों के साथ मिलकर बुजुर्ग के सिर को गड्ढे में दफना दिया. वहीं धड़ को होलिका दहन में जला दिया था. मामले का खुलासा शुक्रवार को औरंगाबाद के एसपी अंबरीश राहुल ने किया. एसपी ने कहा कि डीएनए टेस्ट से हत्या का खुलासा हुआ है. मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. तांत्रिक फरार है.
होलिका दहन के दिन नरबलि देने का सुझाव
एसपी अंबरीश राहुल ने मामले का खुलासा करते हुए बताया, “जिले के पूर्णाडीह गांव के रहने वाले सुधीर पासवान की शादी को कई साल हो चुके हैं, लेकिन उसका कोई संतान नहीं था. संतान पाने की चाह में सुधीर बंगेर गांव के रहने वाले तांत्रिक रामाशीष भुइयां के पास पहुंचा. तांत्रिक ने संतान इच्छापूर्ति के लिए होलिका दहन के दिन नरबलि देने का सुझाव दिया. पहले तो सुधीर डर गया, लेकिन बाद में तैयार हो गया. तांत्रिक ने अपने साथियों के साथ मिलकर नरबलि की प्लानिंग की. सुधीर भी इस प्लानिंग में शामिल हो गया. सुधीर ने अपने साथ रहने वाले गुलाब बिगहा गांव के युगल यादव को नरबलि के लिए चुना.”
सिर को जमीन में दफनाया
एसपी ने आगे बताया, “13 मार्च की शाम आरोपियों ने साजिश के तहत युगल यादव को बुलाया और धारदार हथियार से गला काटकर नरबलि दे दी. इस दौरान तांत्रिक ने तंत्र-मंत्र किया और धड़ को बंगरे गांव के पास होलिका में डाल दिया. जबकि उसके सिर को बोरे में भरकर गड्ढे में दफना दिया. अगले दिन जब लोग होलिका से राख लेने पहुंचे तो उन्होंने हड्डी देखी और पुलिस को इसकी जानकारी दी. पुलिस ने हड्डी का सैंपल लिया और डीएनए जांच के लिए भेजा. दूसरी तरफ जब पीड़ित युगल यादव घर नहीं लौटा तो उसके बेटे ने मदनपुर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई.”
जांच के लिए SIT गठित
एसपी ने बताया, “14 मार्च को होलिका से मानव हड्डी का मिलना और 19 मार्च को बुजुर्ग की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस हरकत में आ गई. तुरंत एसआईटी का गठन किया गया. टीम ने जब मामले की पड़ताल की तो पता चला कि दोनों मामला पूर्णाडीह के पास बंगरे गांव का है. टीम जांच के लिए गांव पहुंची तो एक पुल के पास चप्पल और खून के धब्बे मिले. टीम ने परिजन को बुला कर चप्पल का वेरिफिकेशन कराया, जिसमें पता चला कि ये चप्पल मृतक युगल यादव का है.”
तांत्रिक के घर पहुंचा डॉग
परिजनों द्वारा चप्पल पहचाने जाने के बाद मौके पर डॉग स्क्वॉड की टीम बुलाई गई. डॉग को चप्पल सुंघाई गई. इसके बाद वो तांत्रिक के घर पर जाकर बैठ गया. आरोपी तांत्रिक रामाशीष उस समय घर पर मौजूद नहीं था, लेकिन उसका साला धर्मेंद्र भुइयां घर पर था. टीम ने जब उसके साले से पूछताछ की तो उसने हत्या की पूरी कहानी उगल दी और अपना जुर्म कबूल कर लिया. धर्मेंद्र की निशानदेही पर ही बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी हुई. फिलहाल, तांत्रिक फरार है. गिरफ्तार किये गए लोगों में सुधीर पासवान, नन्हकू उर्फ संजीत कुमार, कारू भुइयां उर्फ रोशन, धर्मेंद्र भुइयां शामिल है. वहीं पुलिस ने डॉग स्क्वॉड की मदद से हत्या में प्रयोग में लाए गए हथियार को बरामद किया.