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मनीष कश्यप केस में अब मोदी सरकार की एंट्री, मुश्किल बनकर सुप्रीम कोर्ट में खड़े हैं ये मशहूर वकील..

मनीष कश्यप के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अब अगली सुनवाई 21 अप्रैल को की जाएगी. अलग-अलग राज्यों में दर्ज मुकदमों को एकसाथ क्लब किए जाने के मामले में केंद्र, बिहार और तमिलनाडु सरकार को नोटिस भेजा गया है. दोनों पक्षों के वकीलों ने अपनी बात अदालत में रखी है.

मनीष कश्यप (Manish Kashyap) को फिर एकबार सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिल सकी है और उन्हें अगली सुनवाई का इंतजार करना पड़ेगा. सोमवार को टली सुनवाई के लिए मंगलवार को इंतजार किया गया कि सुनवाई का नंबर आ जाएगा लेकिन मंगलवार को भी मनीष कश्यप के याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी. वहीं कोर्ट ने फिलहाल कोई राहत से इनकार करते हुए साफ किया है कि किसी कठोर कार्रवाई से फिलहाल राहत के लिए निर्देश नहीं दिए जा सकते. अलग-अलग राज्यों के मुकदमों को क्लब किए जाने के मामले में सुनवाई अब 21 अप्रैल को होगी.

कपिल सिब्बल दलील पेश कर रहे

मनीष कश्यप के लिए सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे पक्ष रख रहे हैं. वहीं मनीष कश्यप के विरोध में कपिल सिब्बल दलील पेश कर रहे हैं और मनीष कश्यप को कठोर सजा दिलाने के लिए लड़ रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मनीष के वकील की दलील है कि तमिलनाडु और बिहार दोनों जगह एक ही मामले के लिए अलग-अलग केस दर्ज करना गलत है और बिहार के ही केस को मुख्य प्राथमिकी माना जाए. दलील दी गयी है कि मनीष कश्यप तमिल भाषा को लेकर असजह है. वहां क्या हो रहा है उसे कुछ समझ नहीं आ रहा. वहीं कपिल सिब्बल ने मनीष कश्यप के अपराध को गंभीर बताया और कहा कि तमिलनाडु पुलिस की हिरासत में मनीष है और उसपर आगे कोई एक्शन नहीं होने जा रहा है.

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मनीष कश्यप पर लगा एनएसए

बता दें कि मनीष कश्यप (Manish Kashyap) तमिलनाडु प्रकरण में उलझे तो एक ही मामले में कुल 5 केस उनके खिलाफ अलग-अलग राज्यों में दर्ज किए गए. मनीष कश्यप ने बिहार में सरेंडर किया और ईओयू की पूछताछ संपन्न होने के बाद तमिलनाडु पुलिस उन्हें रिमांड पर लेकर गयी. तमिलनाडु की अदालत ने मनीष को रिमांड पर भेजा है जहां पुलिस पूछताछ कर रही है. मनीष कश्यप के खिलाफ एनएसए लगाया गया है जिसे हटाने की मांग भी मनीष के वकील कर रहे हैं.

तीन सरकारों को नोटिस

मनीष कश्यप के वकील ने मांग की है कि अलग-अलग राज्यों में दर्ज केस को एकसाथ क्लब किया जाए. जिससे एक ही जगह सभी मामलों की सुनवाई हो सके. मनीष कश्यप के वकील ने अब पत्रकार अर्नव गोस्वामी केस की भी दलील दी है जिसमें एक मामले के लिए अलग-अलग केस दर्ज करने के मामले में अदालत ने राहत दी थी. बता दें कि मनीष कश्यप की याचिका पर फिर एकबार फैसला आगे के लिए टला है और सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर केंद्र सरकार, बिहार सरकार और तमिलनाडु सरकार को नोटिस भेजा है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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