मधुबनी. सदर अस्पताल के घोषित कंडम भवन में संचालित एनसीडीओ कार्यालय में कार्यरत लिपिक के टेबल पर मंगलवार को छत का सिलिंग टूटकर गिरने से कर्मी लक्ष्मीकांत झा चोटिल हो गये. गनीमत यह रही कि इस घटना में कोई बड़ी घटना नहीं हुई. भवन निर्माण विभाग द्वारा कंडम घोषित इस भवन में छत का सिलिंग टूटना कोई नई बात नहीं है. इस तरह की छिटपुट घटनाएं कई बार हो चुकी है. ताजा घटनाक्रम इसकी पुनरावृत्ति है. चोटिल कर्मी लक्ष्मीकांत झा ने कहा कि अन्य दिनों की भांति वे मंगलवार को भी अपने कार्यालय में काम कर रहे थे. अचानक छत का सिलिंग टूटकर कर गिर गया. जिससे मेरे सिर पर चोट लगी. उन्होंने कहा कि कार्यालय को तत्काल बंद कर इसकी सूचना एसीएमओ एवं सिविल सर्जन को दी गयी. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही कहें या फिर कर्मियों की बेबसी भवन निर्माण विभाग द्वारा सदर अस्पताल स्थित 10 वर्ष पूर्व घोषित कंडम भवन में आज भी आधा दर्जन जिला स्तरीय पदाधिकारियों के कार्यालय का संचालन किया जा रहा है. इसमें लगभग तीन दर्जन स्वास्थ्य कर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर कार्यालीय कार्य करने को विवश हैं. ऐसे में स्वास्थ्य कर्मी एवं पदाधिकारी डर के साये में रहते हैं कि कभी कोई अनहोनी घटना के शिकार न हो जाएं. वहीं मंगलवार को घटी इस घटना के बाद कर्मियों में दहशत का माहौल है. इस परित्यक्त भवन में छोटी-छोटी कई घटनाएं पूर्व में हो चुकी है. पिछले दिनों एसीएमओ कार्यालय में कार्यरत एक कर्मी की कुर्सी पर छत का एक टुकड़ा गिर गया. गनीमत यह रही कि उस समय वह कर्मी किसी दूसरे कार्यालय गया हुआ था. इस हादसे में वे बाल बाल बच गया. इससे पूर्व भी एक कार्यालय में भी ऐसी ही घटना हो चुकी है. इसके बाद अधीक्षक कार्यालय को पूर्व सीएस कार्यालय में शिफ्ट कर दिया गया. हालांकि इस भवन में आज भी कई कार्यालयों का संचालन किया जा रहा है. लेकिन जर्जर हो चुके भवन में कभी भी कोई बड़ी हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता है. सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार ने कहा कि मॉडल अस्पताल का संचालन होने के बाद कई विभागों को मॉडल अस्पताल में शिफ्ट किया गया. इसके बाद जर्जर भवन में संचालित कार्यालय को आईपीडी एवं अन्य खाली भवनों में शिफ्ट किया जाएगा.
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