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Madhubani News : बांस – बल्लाें से बने विवाह भवन में सुरक्षा की अनदेखी, राजस्व का नुकसान

पिछले कुछ सालों से शहर में बांस बल्ला से विवाह भवन व मीटिंग हॉल बनाये जाने का काम तेजी से हो रहा है.

मधुबनी.

पिछले कुछ सालों से शहर में बांस बल्ला से विवाह भवन व मीटिंग हॉल बनाये जाने का काम तेजी से हो रहा है. होटलों में विवाह भवन या मीटिंग हॉल की कमी को इन बांस बल्लों से बनाये गये विवाह भवन से भले ही दूर करने की पहल हुई हो, लेकिन इसमें सुरक्षा की व्यापक तौर पर अनदेखी की जा रही है. वहीं, बांस बल्लों के सहारे झूल रहे बिजली के तार, आग से बचाव, कॉमर्शियल रूप से बिजली के मीटर नहीं लेने सहित कई मानकों को कई विवाह भवन पूरा नहीं कर रहा. जिससे खतरे की आशंका है, पर अब ऐसे विवाह भवनों पर कार्रवाई करने की तैयारी शुरू हो चुकी है. अग्निशमन विभाग जल्द ही सभी बांस बल्लों से बने विवाह भवन को अपने ऑडिट में लाने वाली है. मतलब यह कि अब इन विवाह भवनों को अग्निशमन विभाग से हर हाल में लाइसेंस लेना होगा. इसके बाद विभाग की ओर से तय मानक को पूरा करना होगा. यदि आग से बचाव के मानक को पूरा नहीं किया जाता है तो पहले तो विभाग हिदायत देकर उन्हें सुरक्षा मानक को पूरा करने का समय दे. इसके बाद भी अनदेखी होने पर कार्रवाई तय है.

बिजली विभाग भी कसा शिकंजा

सूत्रों की मानें तो शहर के कई ऐसे बांस बल्ले से बने विवाह भवन हैं, जो कॉमर्शियल बिजली मीटर नहीं लगाये हैं. कई विवाह भवन में इन दिनों घरेलू बिजली का तार खींचकर उसका उपयोग किया जा रहा है. ऐसे में अब बिजली विभाग भी इन पर शिकंजा कसने वाला है. सूत्रों का कहना है कि विभाग ऐसे विवाह भवनों की मीटर व बिजली की जांच करेगी, गड़बड़ी पाये जाने पर प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. इस संबंध में बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता मो. अरमान ने बताया है कि यदि कहीं घरेलू बिजली का उपयोग कॉमर्शियल के तौर पर किया जा रहा है, तो प्राथमिकी तो तय है.

शिकायत मिलने पर होगी कार्रवाई

इधर, अनुमंडल प्रशासन भी पूरी तरह कार्रवाई की तैयारी में है. एसडीओ अश्विनी कुमार ने बताया है कि यदि कहीं पर विवाह भवन बिना लाइसेंस का संचालित है तो गलत है. इसकी शिकायत मिलने पर संबंधित संचालक पर कार्रवाई की जायेगी.

राजस्व का नुकसान

विवाह भवन बनाने के लिये नगर निगम से लाइसेंस लेना जरूरी है. इसके साथ ही अग्निशमन विभाग से लाइसेंस लेना होता है. साथ ही सुरक्षा के इंतजाम किये जाने चाहिए, चूंकि यह पूरी तरह व्यावसायिक काम है, इसलिए यहां पर कॉमर्शियल बिजली मीटर ही उपयोग में लाया जा सकता है. ऐसे में कई स्तर पर राजस्व की क्षति हो रही है.

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