म
धुबनी.
अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भगवतीपुर में पंचायत में उपमुखिया जय कुमार की उपस्थिति में 11 फाइलेरिया मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण किया गया. इस दौरान फाइलेरिया मरीज को पैरों की साफ-सफाई की जानकारी दी गई. साथ ही फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी प्रशिक्षण के बारे में बताया गया. पीरामल फाउंडेशन के विवेक कुमार ने बताया कि एमएमडीपी किट का नियमित इस्तेमाल कर हाथीपांव के मरीज बीमारी की बढ़ोतरी पर काबू पा सकते हैं. इसके लिए मरीजों को स्वयं जागरुक होना होगा. इसके बाद ही हाथीपांव की बीमारी से राहत मिलेगी. सिविल सर्जन डा. हरेंद्र कुमार ने बताया कि लिम्फेटिक फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जिसका समय पर इलाज नहीं होने पर मरीज दिव्यांग हो सकते हैं. इसके लिए सरकार ने फाइलेरिया को मिटाने की दिशा में प्रयास तेज कर दिया है. इस बीमारी से बचाव के लिए साल में एक बार सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जाता है. इस अभियान के तहत फाइलेरिया मरीजों के साथ- साथ स्वस्थ लोगों को भी दवा सेवन करना चाहिए. इसके बाद ही हमारे गांव, पंचायत और प्रखंड से फाइलेरिया बीमारी का उन्मूलन होगा.मरीजों को दिया गया आवश्यक प्रशिक्षण
एमएमडीपी किट में मरीजों को डेटॉल साबुन, एंटीसेप्टिक क्रीम, टब, मग, तौलिया, और अन्य सामग्री दी गई. साथ ही मरीजों को फाइलेरिया ग्रसित अंगों की नियमित देखभाल के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया. डेटॉल साबुन से सफाई और एंटीसेप्टिक क्रीम का उपयोग संक्रमण को नियंत्रित कर सकता है.रोग की पहचान होने पर इसे रोकना संभव :
चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शकील अहमद ने बताया कि क्यूलेक्स मच्छर फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो उसे भी संक्रमित कर देता है. संक्रमण के लक्षण पांच से 15 वर्ष में उभरकर सामने आते हैं. इससे या तो व्यक्ति को हाथ-पैर में सूजन की शिकायत होती है या फिर हाइड्रोसील बढ जाता है. उन्होंने कहा कि संक्रमित होने के बाद मरीजों को प्रभावित अंगों की साफ-सफाई सहित अन्य बातों का समुचित ध्यान रखना जरूरी होता है. इस अवसर पर पीरामल के विवेक कुमार, नीलम बारा, मदन कुमार साह, उप मुखिया,जय कुमार, आशा फैसिलिटेटर सहित स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है