मधुबनी.
चमकी बुखार के बेहतर प्रबंधन व त्वरित चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है. इसके लिए विभिन्न स्तर पर तैयारी की जा रही है. जिला वैक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी को बीते शुक्रवार को राज्य स्तरीय प्रशिक्षण दिया गया. इस आशय की जानकारी देते हुए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. डीएस सिंह ने कहा है कि राज्य स्तरीय प्रशिक्षण में एईएस को लेकर चमकी बुखार से संबंधी जानकारी दी गई. उन्होंने कहा कि चमकी बुखार को लेकर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. चमकी बुखार से निपटने के लिए सदर अस्पताल में 10 बेड, अनुमंडलीय अस्पताल में 5 एवं पीएचसी स्तर पर दो बेड का एईएस वार्ड आरक्षित रखने के निर्देश दिया गया है. सभी कर्मियों को प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षित कर दिया गया है. प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा आंगनबाड़ी, जीविका एवं एंबुलेंस के इएमटी को चमकी बुखार के प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रशिक्षण में चमकी बुखार से पीड़ित मरीजों को एंबुलेंस पर लाने व एंबुलेंस में ही तत्काल इलाज करने के तौर- तरीकों की जानकारी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए आवश्यक दवा की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गयी है. सभी एंबुलेंस की टैगिंग की जाएगी. शिशु रोग विशेषज्ञ के साथ जेनरल फिजिशियन को अपने-अपने स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले बच्चों के इलाज पर विशेष फोकस करने का निर्देश दिया गया है.चमकी बुखार में समय की भूमिका अहम
डॉ. डीएस सिंह ने कहा कि चमकी में समय की बहुत बड़ी भूमिका होती है. इसके लिए जितनी जल्द बच्चे का इलाज शुरु होगा उसके ठीक होने की संभावना उतनी ही अधिक होगी. उन्होंने कहा कि एंबुलेंस के ईएमटी के पास चेकलिस्ट भी उपलब्ध रहेगा. इसे भरकर चिकित्सक को देना होगा. इससे यह पता लगाना आसान हो जाएगा कि चमकी पीड़ित को क्या-क्या समस्याएं हो रही थी और कौन सी आपात सुविधा दी गयी थी. इससे मरीजों के प्रबंधन में आसानी होगी और हर चमकी पीड़ित की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध हो जाएगी.
एंबुलेंस में होगा प्राथमिक इलाज
एंबुलेंस में दवा, ऑक्सीजन व जरूरी उपकरण उपलब्ध रहने से मरीज का प्राथमिक इलाज एंबुलेंस में ही हो जाएगा. मरीज का तापमान, शुगर का लेवल जैसी जांच संभव हो सकेगा. जरूरत पड़ने पर सॉल्युशन या ग्लूकोज भी चढ़ाया जा सकेगा. वहीं ऑक्सीजन भी लगाया जा सकेगा. चमकी बुखार होने पर शुरुआत के चार घंटे काफी महत्वपूर्ण होता है. इस दौरान एंबुलेंस से लाए गए मरीजों की उचित देखभाल और प्राथमिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगा.चमकी बुखार के लक्षण
डॉ. डीएम सिंह ने कहा कि चमकी बुखार के प्रारंभिक लक्षणों में तेज बुखार, बदन में लगातार ऐंठन, दांत पर दांत दबाए रखना, सुस्ती, कमजोरी और बुखार की वजह से बेहोशी आना. चिकोटी काटने पर भी शरीर में कोई गतिविधि नहीं होना चमकी बुखार के प्रमुख लक्षण हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है