मधुबनी.
हाथों को साफ रखने की आदत आपको कई गंभीर बीमारियों से बचाता है. हाथों की ठीक से सफाई नहीं होने पर इसमें मौजूद हजारों वैक्टिरिया आंख, कान, नाक, मूंह सहित अन्य माध्यमों से हमारे शरीर में दाखिल हो जाता है, जो बाद में कई बीमारियों का कारण बनता है. सीएस डॉ हरेंद्र कुमार ने कहा कि बीमारियों से बचाव एवं हाथ धोने की उचित आदतों के प्रति जन जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंड वाशिंग डे के रूप में मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि इस अवसर पर जिले के सभी चिकित्सा संस्थानों में हाथों की साफ-सफाई पर केंद्रित विशेष तकनीकी सत्र का आयोजन करने का निर्देश दिया. इसमें स्वास्थ्य कर्मियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण भाग लेंगे.हाथों की सफाई से विभिन्न बीमारियों से बचाव संभव
ग्लोबल हैंड वाशिंग डे के बारे में सिविल सर्जन डॉ हरेंद्र कुमार ने कहा कि हाथों की सफाई किसी भी तरह के संक्रमण से बचाव का महत्वपूर्ण जरिया है. कोरोना संक्रमण के खतरों से बचाव में हाथों की सफाई बेहद कारगर साबित हुआ. हाथ शरीर का वह अंग है, जिसकी मदद से हम अपने सभी जरूरी काम निपटाते हैं. हानिकारक बैक्टीरिया हमारे आसपास हर जगह मौजूद होते है. जो इतने सूक्ष्म होते हैं कि हमें दिखाई नहीं देते. इसके संपर्क में आने से हानिकारक बैक्टीरिया हमारे हाथों के जरिये शरीर के अंदर प्रवेश करता है, और हमें बीमार कर देता है.बच्चों में सफाई के प्रति जानकारी जरूरी
जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ एसएन झा की मानें तो बच्चों के मामले में हाथों की सफाई विशेष महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों की होने वाली मौत के मामले में 14 फीसदी मौत डायरिया संबंधी रोगों से होती है. गंदे हाथों से मुंह, नाक, कान आदि स्थानों को छूना डायरिया के बड़े कारणों में से एक है. इसलिये बच्चों को हाथों की सफाई के प्रति सही जानकारी देना जरूरी है. खाना खाने से पहले, शौच के बाद, आंख, नाक, कान सहित शरीर के किसी अन्य अंग को छूने से पहले हाथों की सफाई जरूरी है.सुमन-के विधि से करें हाथों की सफाई
हाथों की सफाई के विशेष तकनीक सुमन- के, के बारे में जानकारी देते हुए सिविल सर्जन ने कहा कि सुमन-के विधि से 40 से 60 सेकेंड तक हाथों को अच्छे तरीके से साफ करना होता है. इसमें एस यानि सीधा, यू यानि उल्टा, एम यानि मुठ्ठी, ए यानि अंगूठा, एन यानि नाखून एवं के हाथ की कलाई के सफाई को दर्शाता है. इस विधि में सबसे पहले कलाई, फिर हाथ की उलटी तरफ, फिर मुट्ठी, उसके बाद अंगूठा, फिर नाखून और अंत में फिर कलाई को साफ करना होता है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों में हाथों की सफाई पर आधारित विशेष सत्र के दौरान स्थानीय लोगों को इससे जुड़ा प्रशिक्षण दिया जाएगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

