मधुबनी.
नवंबर माह में संभावित बिहार विधान सभा चुनाव में सुरक्षा के लिए पुलिस विभाग की ओर से आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया गया है. जिले में विभिन्न थाना के रिपोर्ट के आधार पर सीसीए 3 के लिए 510 लोगों को, जबकि सीसीए 12 में 7 व्यक्तियों को चिह्नित किया है. पुलिस अधीक्षक योगेंद कुमार के पास एक जनवरी से 31 जुलाई 2025 तक 246 सीसीए 3 का प्रस्ताव एवं एक सीसीए 12 का प्रस्ताव आया है. इनमें से जिला पदाधिकारी के अनुमोदन के लिए सीसीए तीन में 202 एवं सीसीए 12 में एक का प्रस्ताव भेजा है. डीएम ने सीसीए 3 के सभी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है. दरअसल क्राइम कंट्रोल एक्ट(सीसीए) से संबंधित धाराओं का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति का आपराधिक या असामाजिक कृत्य समाज और लोक-व्यवस्था के लिए लगातार ख़तरा बना हो और सामान्य दंड प्रक्रिया से नियंत्रण संभव न हो.सीसीए धारा 3 यह प्रिवेंटिव डिटेंशन की धारा है
यदि कोई व्यक्ति लगातार अपराध करता हो, गुंडागर्दी, सामाजिक शांति भंग कर रहा हो, तस्करी, लूट, हत्या, संगठित अपराध में संलिप्त हो और उसके विरुद्ध सामान्य कार्रवाई अप्रभावी हो तो जिला पदाधिकारी या राज्य सरकार द्वारा उसे एक निश्चित अवधि 3 माह से लेकर 12 माह तक लिए नजरबंद किया जा सकता है. सीसीए धारा 12में डीएम द्वारा पारित निरोध आदेश को आगे राज्य सरकार के अनुमोदन के लिए भेजा जाता है.
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