मधुबनी. जिला पदाधिकारी सह अध्यक्ष जिला स्वास्थ्य समिति आनंद शर्मा की अध्यक्षता में समाहरणालय में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक हुई. डीएम ने रहिका पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शंकर कुमार पर प्रपत्र “क ” गठित कर विभाग को सूचित करने का निर्देश सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार को दिया. वर्तमान में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का कार्यालय ककरौल में संचालित किया गया है. इस संबंध में डीएम आनंद शर्मा ने लगभग 15 दिनों पूर्व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को पीएचसी कार्यालय को पुराने या नवनिर्मित भवन में शिफ्ट करने का निर्देश दिया था. उनके निर्देश के बाद भी प्रभारी ने कार्यालय शिफ्ट नहीं किया. इसे गंभीरता से लेते हुए डीएम ने कार्रवाई का निर्देश दिया. टीबी कार्यक्रम की समीक्षा क्रम में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पंडौल में स्पुटम जांच 8 प्रतिशत होने के कारण लैब टेक्नीशियन के वेतन से 10 हजार रुपये की कटौती करने का निर्देश दिया. वहीं, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पंडौल के पेड मोबलाइजर का भुगतान नहीं करने के मामले में बीसीएम के मानदेय से 50 प्रतिशत कटौती करने का निर्देश दिया. फैमिली प्लानिंग की समीक्षा क्रम में लक्ष्य से कम उपलब्धि हासिल करने वाले जिला के सभी संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से कारण पृच्छा की गयी. प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य संस्थान क्षेत्रांतर्गत निजी नर्सिंग होम में 0 प्रसव प्रतिवेदित करने वाले संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से स्पष्टीकरण की मांग की है. डीएम ने एक तिथि का निर्धारण कर आशा के रिक्त पदों पर चयनित करने का निर्देश दिया. इ-टेलीमेडिसीन की समीक्षा क्रम में डीएम ने 50 प्रतिशत से कम उपलब्धि वाले चिकित्सकों से स्पष्टीकरण पूछने को कहा. सी-सेक्शन की समीक्षा में डीएम ने सदर अस्पताल सहित सभी अनुमंडलीय अस्पतालों में नियमित रूप से सी-सेक्शन करने का निर्देश दिया. एक माह में 1 सी-सेक्शन करने वाले चिकित्सकों को चेतावनी दी. स्वास्थ्य संस्थानों में दवा की उपलब्धता की समीक्षा के क्रम में सिविल सर्जन ने कहा कि वर्तमान में त्रैमासिक दवा की अधियाचना बीएमएसआइसीएल से की है. उन्होंने पूछा कि सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने अपने-अपने संस्थानों में आवश्यक मात्रा में दवा इंडेंट की है अथवा नहीं. उन्होंने कहा कि दवा की कमी रहने की स्थिति में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी जिम्मेवार होंगे. दवा उपलब्ध रहने पर किसी भी परिस्थिति में मरीज को दवा बाहर से क्रय नहीं करना पड़े. उन्होंने गर्भवती महिलाओं के निबंधन एवं प्रसव पूर्व जांच की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए इसमें और भी सुधार लाने को कहा. उन्होंने गर्भवती महिलाओं को आईएफए एवं कैल्शियम टेबलेट शत प्रतिशत उपलब्ध कराने के लिए एएनएम के माध्यम से विशेष प्रयास करने का निर्देश दिया. डीएम ने आयुष्मान भारत योजना के तहत कार्ड निर्माण के लिए प्रत्येक माह स्थानीय स्तर पर विशेष अभियान चलाने को कहा. डीएम ने नियमित रूप से रोगी कल्याण समिति की बैठक करने का निर्देश दिया. बैठक में सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार, एसीएमओ डॉ. एसएन झा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एसके विश्वकर्मा, डीएमओ डॉ. दया शंकर सिंह, सीडीओ डॉ. जीएम ठाकुर, डीपीएम पंकज कुमार, डीपीओ आइसीडीएस, जिला स्वास्थ्य समिति के सभी सलाहकार, सभी प्रभारी उपाधीक्षक, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, अस्पताल प्रबंधक, डीसीएम, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक एवं बीसीएम उपस्थित थे.
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