मधुबनी.
गुर्दा रोगों की जागरूकता के लिए प्रत्येक वर्ष मार्च माह के दूसरे गुरुवार को विश्व किडनी दिवस मनाया जाता है. इसका उद्देश्य लोगों में गुर्दे के प्रति जागरूकता लाना है. विश्व किडनी दिवस पर लोगों को जागरूक किया जाएगा, ताकि समय रहते रोग की पहचान कर चिकित्सक से सलाह लेकर स्वस्थ रह सके. स्वस्थ किडनी के लिए प्रारंभिक जांच को प्राथमिकता देना, किडनी की समस्याओं को अधिक गंभीर समस्याओं में विकसित होने से पहले ही पकड़ने की शक्ति पर जोर देती है.किडनी रोगों से बचाव को नियमित जांच जरूरी
नेफ्रोलॉजिस्ट डा. संतोष प्रकाश ने बताया कि किसी व्यक्ति के संपूर्ण स्वास्थ्य में क्वालिटी ऑफ लाइफ (क्यूओएल) एक सूचकांक होता है. जो न सिर्फ व्यक्ति के शारीरिक बल्कि मस्तिष्क, स्वास्थ्य क्वालिटी ऑफ लाइफ, व्यक्ति के स्वास्थ्य और खुशहाली, उसकी सकारात्मक और नकारात्मक भावनाओं, मूड डिसऑर्डर और नियमित कार्यों का जिम्मा संभालने या उन में हिस्सा लेने की क्षमता का सूचक माना जाता है. किडनी के रोगों से बचाव के लिए लोगों को नियमित रूप से जांच करानी चाहिए. डायबिटीज व उच्च रक्तचाप के 70-80 प्रतिशत मरीज किडनी रोग से प्रभावित होते है. किडनी से जुड़े लोगों, लंबे समय से डायबिटीज के रोगी एवं रक्तचाप जैसी स्थितियों में डायलिसिस की आवश्यकता पड़ती है. इसमें 30-40 आयु वर्ग के 80 प्रतिशत एवं 50- 60 आयु वर्ग के 20 प्रतिशत नियमित मरीज शामिल है.राशन कार्डधारकों को निःशुल्क सुविधा
अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद ने कहा कि सदर अस्पताल स्थित डायलिसिस सेंटर में राशन कार्ड धारकों को निःशुल्क डायलिसिस सेवा उपलब्ध करायी जाती है. जिन लोगों के पास राशन कार्ड की सुविधा नहीं है, उन्हें 1745 रुपए जमा करने पर यह सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. डायलिसिस सेंटर को पूर्णतया हाइजीन रखने के लिए प्रत्येक शनिवार की रात केमिकल से साफ सफाई की जाती है. रविवार को बंद होने की स्थिति में भी मरीजों के आने पर उन्हें तत्काल डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है..
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