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सौराठ सभा में छायी वीरानगी
रहिका : विश्व प्रसिद्ध वैवाहिक स्थल सौराठ सभा जो कभी भावी दूल्हों से गुलजार हुआ करती थी. यहां लाखों की संख्या में सभैती जुटते थे. आज यहां वीरानगी छायी हुई है. सत्य मानें तो दूर के लोगों को यह तो जानकारी है कि सभावास हो गयी है, लेकिन आसपास के लोगों को मानो जैसे सभावास […]
रहिका : विश्व प्रसिद्ध वैवाहिक स्थल सौराठ सभा जो कभी भावी दूल्हों से गुलजार हुआ करती थी. यहां लाखों की संख्या में सभैती जुटते थे. आज यहां वीरानगी छायी हुई है.
सत्य मानें तो दूर के लोगों को यह तो जानकारी है कि सभावास हो गयी है, लेकिन आसपास के लोगों को मानो जैसे सभावास के संबंध में जानकारी ही नहीं हो. जब तीन बजे के बाद सौराठ सभा पहुंचा तो सभा में पंजीकार विश्वमोहन चंद्र मिश्र, पंजीकार प्रमोद कुमार मिश्र व स्व. ननू झा के पुत्र अपने-अपने स्थल पर जमे थे.
ठीक एक घंटा बाद भागलपुर जिला के तिलडिहा गांव निवासी शिक्षक दिवाकर झा अपने पुत्र के साथ वर की तलाश में सभा पहुंचे पर यहां बिरानगी देख वह काफी आहत हुए और पंजीकार के समक्ष बैठ वह इंजीनियर लड़का के बारे में जानकारी पंजीकार से लेने लगे.
उन्होंने बताया कि सभा के माध्यम से उन्होंने पांच कार्य किये और सभी काम से मैं प्रसन्न हूं. मेरी भतीजी बीटेक फाइनल ईयर की छात्र है और इसी के शादी के लिए सभा में आया हूं.
इस धरोहर को विनाश की कगार पर पहुंचने का मुख्य कारण आसपास गांव के लोगों को सभा से सहभागिता में कमी,दहेज का लोभ बताया. उन्होंने समस्त आसपास के गांव के मैथिल ब्राणों को आह्वान करते हुए इस धरोहर की रक्षा करने को लेकर समस्य मिथिला क्षेत्र के ब्राह्मणों एक मंच पर आ कर का संकल्प लेने की आवश्यकता है.
वहीं पंजीकार विश्वमोहन चंद्र मिश्र, प्रमोद कुमार मिश्र, कन्हैया मिश्र ने बताया कि धरोहर की रक्षा अवश्य होगी, लेकिन तब होगी जब हम अपने अस्तित्व को खो चुकेंगे. समय रहते हुए अगर हम सड़क नहीं हुए तो हमारी अपनी रक्षा करना मुश्किल होगा.
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