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ऑनलाइन िमल रही छूट का दायरा निर्धारित करे सरकार

मधुबनी : प्रभात खबर एवं जयनगर चैंबर ऑफ कॉमर्स के संयुक्त पहल पर ऑनलाइन बाजार व स्थानीय कारोबार विषय पर संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का आयोजन जयनगर चैंबर ऑफ कामर्स के कार्यालय में आयोजित किया गया. अध्यक्षता चैंबर के महासचिव अनिल बैरोलिया ने किया. संवाद कार्यक्रम के दौरान यह बातें सामने […]

मधुबनी : प्रभात खबर एवं जयनगर चैंबर ऑफ कॉमर्स के संयुक्त पहल पर ऑनलाइन बाजार व स्थानीय कारोबार विषय पर संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का आयोजन जयनगर चैंबर ऑफ कामर्स के कार्यालय में आयोजित किया गया. अध्यक्षता चैंबर के महासचिव अनिल बैरोलिया ने किया. संवाद कार्यक्रम के दौरान यह बातें सामने आयी कि वर्तमान समय में शहर से लेकर गांव कस्बों तक पहुंच चुका ऑनलाइन कारोबार आने वाले दिनों में हर स्तर पर चुनौती पैदा करता जायेगा.

यदि समय रहते स्थानीय व्यापारी अपने व्यापार, ग्राहकों के साथ व्यवहार में बदलाव के साथ साथ सामान के कीमतों में एक रूपता नहीं दिखायेंगे तब तक ऑनलाइन कारोबार के सामने टिकने की कल्पना भी करना बेमानी है. यहां पर मौजूद कारोबारियों ने एक साथ यह संकल्प भी लिया कि वे न तो कभी भी अपने व्यापार के लिये ऑनलाइन सामान मंगायेंगे और न कभी अपने परिवार में ही इससे सामान मंगायेंगे.

शहर के करीब दो दर्जन प्रसिद्ध कारोबारियोंने इस चुनौती से निपटने के लिये सरकार से भी मांग की कि सरकार ऑनलाइन मार्केटिंग व मल्टीनेशनल कंपनी के लिये भी छूट का दायरा निर्धारित करें. महासचिव अनिल कुमार बैरोलिया ने कहा कि जिस प्रकार सरकार किसान, नौकरीपेशा व मल्टीनेशनल कंपनी के लिये सोचती है, समय समय पर अनुदान व ऋण माफी का ऐलान किया जाता है, मध्यमवर्गीय व्यापारी के लिये भी ऋण माफी की बात हो.

सरकार यह तय करे कि मल्टीनेशनल कंपनी व ऑन लाईन शॉपिंग एक निर्धारित रकम से नीचे किसी भी हाल में सामान नहीं बेंचे. इस दौरान एक साथ सबने ऑनलाइन बाजार के दुष्प्रभाव व स्थानीय बाजार से सामान खरीदने पर होने वाले फायदे को लेकर विभिन्न प्रकार से जागरूकता अभियान चलाने का भी निर्णय लिया.

सबों ने इस बात पर एक साथ सहमति जतायी कि ऑनलाइन कारोबार स्थानीय बाजार के लिये हितकारी नहीं है. इसका एक ओर जहां वर्तमान स्थानीय कारोबार पर सीधा सीधा असर पड़ रहा है वहीं इससे बेरोजगारी की समस्या भी अधिक होगी. वक्ताओं का कहना था कि स्थानीय बाजार में जब कभी भी बड़ा शोरूम या दुकान खुलता है तो एक साथ कइ लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मुहैया होता है.

संवाद कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं का कहना था कि हमें इस चुनौती से मुकाबला बाजार के अंदाज में ही करना होगा. इसके लिये कुछ पहलू ऐसे हैं, जिस पर तत्काल काम शुरू कर देना चाहिए. इसमें सबसे पहले हमें अपने व्यवहार में मधुरता, सामानों की गुणवत्ता में सुधार के साथ साथ ग्राहकों को सहूलियत देना होगा.

वहीं सबसे अहम बात यह होना चाहिये कि रिटेल बाजार में किसी भी सामान के कीमत में समरूपता जरूरी है. ऐसा नहीं कि एक दुकानदार किसी दूसरे दुकानदार के ग्राहक को अपनी ओर लाने के लिये रेट में जोड़ तोड़ या अधिक का अंतर करे.

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