27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अस्पताल में दवा की कमी, गर्भवती महिलाओं को नहीं मिल रहा टैबलेट

मधुबनी : ओपीडी के दवा काउंटर पर कई दवाओं की किल्लत के कारण मरीजों को दवा उपलब्ध नहीं हो रहा है. आलम यह है, कि गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे उपयोगी आयरन की गोली लगभग 25 दिनों से नहीं है. पेट की दवा डायसाइक्लोवीन विगत एक माह से नहीं है. ऐसे में ओपीडी में आने […]

मधुबनी : ओपीडी के दवा काउंटर पर कई दवाओं की किल्लत के कारण मरीजों को दवा उपलब्ध नहीं हो रहा है. आलम यह है, कि गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे उपयोगी आयरन की गोली लगभग 25 दिनों से नहीं है. पेट की दवा डायसाइक्लोवीन विगत एक माह से नहीं है. ऐसे में ओपीडी में आने वाले मरीजों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा कागजों में ही सिमट कर रह गया है. बच्चों के ताकत की बी कंपलेक्स व बुखार का पारासिटामोल भी लगभग 45 दिनों से नहीं है.

साथ ही बच्चों के सर्दी का सेट्रीजीन सिरप भी दवा काउंटर पर उपलब्ध नहीं है. ऐसे में ओपीडी में इलाज के लिए आये मरीजों का इलाज व दवा उपलब्धता की स्थिति का सहज ही आकलन लगाया जा सकता है. यही हाल कमोवेश आइपीडी का भी है जहां उल्टी की पेरीनार्म सूई व दम फूलने का डेरीफायलिन दवा भी उपलब्ध नहीं है. दवा नहीं मिलने के कारण मरीजों को एक आध दवा छोड़कर सभी दवा बाहर के दुकान से ही खरीदनी पड़ती है.
ओपीडी में 71 व आइपीडी में 91 प्रकार की दवा का है प्रावधान
सदर अस्पताल के ओपीडी दवा काउंटर पर सरकार द्वारा तय मानक के अनुसार 71 प्रकार की आइपीडी(इमरजेंसी) के 91 प्रकार की दवा रखने का प्रावधान है. ओपीडी दवा काउंटर के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 71 प्रकार की दवा के विरुद्ध मात्र 24 प्रकार की दवा ही उपलब्ध है. जिसमें आयरन गोली 25 दिनों से नहीं है. गैस की दवा रिवेप्राजोल व रेनीटीडीन दवा 10 दिनों से, सर्दी खांसी के लिए कफ सीरप तीन माह से व पेट दर्द की डायसाइक्लोविन दवा एक माह से नहीं है.
इसके अलावा बच्चों को ताकत के लिए विटामिन बी कंपलेक्स सिरप 45 दिनों से व बुखार का पारासिटामोल सिरप लगभग एक सप्ताह से नहीं है. जबकि सेट्रीजीन सीरप भी ओपीडी दवा काउंटर पर उपलब्ध नहीं है. दूसरी ओर आइपीडी में 91 प्रकार की दवा के विरूद्ध मात्र 54 प्रकार का दवा ही उपलब्ध है. आइपीडी में उल्टी को रोकने की दवा पेरीनार्म सूई व दम फूलने को रोकने के लिए डेरीफायलीन सूई भी विगत एक माह से उपलब्ध नहीं है.
सर्जिकल सामान भी नहीं . जबकि सर्जिकल आइटम 35 प्रकार के विरुद्ध भी कई उपकरण उपलब्ध नहीं है. हालांकि आइपीडी दवा भंडार के फर्मासिस्ट जय प्रकाश कुमार ने बताया कि सर्जिकल उपकरण उपलब्ध है. ऐसे में सवाल उठता है कि ओपीडी में 71 के विरुद्ध 24 व आइपीडी में 91 के विरुद्ध 54 प्रकार की दवा उपलब्ध होने की स्थिति में ओपीडी में इलाज के लिए आने वाले व आइपीडी में भर्ती मरीजों को नि:शुल्क दवा की कवायद कागजों में ही सिमट कर रह गया है.
जबकि सरकार द्वारा जिला दवा भंडार सहित सभी स्वास्थ्य संस्थानों को तीन माह पूर्व तक की दवा की आवश्यकता के अनुरूप इडेंट करने का आदेश दिया गया है. जिससे की मरीजों को दवा उपलब्धता में कोई परेशानी नहीं हो और मरीज को बाहर से दवा नहीं खरीदनी पड़े. लेकिन सरकार का यह निर्देशन भी बेअसर रहा.
दवा की कमी होगी पूरी
सीएस डा. मिथिलेश झा ने बताया कि जिला दवा भंडार के भंडार पाल को बीएमएसआइसीएल को दवा इंडेंट करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि ओपीडी व आइपीडी में जिस दवा की कमी है उसे पूरा किया जायेगा. जिससे की मरीजों को चिकित्सक द्वारा लिखा गया दवा उपलब्ध हो सके.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें