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स्पीडी ट्रायल नहीं होने से बाहर घूम रहे शराब तस्कर, नहीं हो रही पेशी

मधुबनी :शराब बंदी के बाद शराब तस्करों पर लगाम लगाने के लिए शराब तस्करी से संबंधित मामलो को न्यायालय में स्पीडी ट्रायल चला कर दोषी को सजा दिलाने में पुलिस प्रशासन नाकाम साबित हो रही है. सन 2017 में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक द्वारा विभिन्न थानों से दस मामलों को स्पीडी ट्रायल चलाने की अनुशंसा की […]

मधुबनी :शराब बंदी के बाद शराब तस्करों पर लगाम लगाने के लिए शराब तस्करी से संबंधित मामलो को न्यायालय में स्पीडी ट्रायल चला कर दोषी को सजा दिलाने में पुलिस प्रशासन नाकाम साबित हो रही है. सन 2017 में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक द्वारा विभिन्न थानों से दस मामलों को स्पीडी ट्रायल चलाने की अनुशंसा की गई थी. लेकिन आलम यह है कि उक्त दस मामलों में से आठ मामलों के अभियुक्त न्यायालय से जमानत करा कर फिर से दुबारा न्यायालय में उपस्थित नहीं हो रहा है.

जिससे न्यायालय में संबंधित आठ मामला महीनों से उपस्थित पर चल रहा है. वहीं उक्त मामलों से संबंधित अभियुक्तों के विरुद्ध वारंट जारी किया गया है. लेकिन संबंधित क्षेत्रों के थानाध्यक्ष द्वारा उक्त वारंट की तामिला की जा रही है. इतना ही नहीं थानों द्वारा इसके संबंध में न्यायालय में रिपोर्ट भी नहीं दी जाती है. जिससे शराब तस्करी से संबंधित मामले दिनों दिन लंबित हो रही है. वहीं शराब तस्करों का मनोबल बढ़ रहा है.
आठ मामलों में अभियुक्त बाहर.उक्त सात थानों के दस मामलों में आठ मामलों के अभियुक्त न्यायालय से जमानत करा कर फिर से दुबारा न्यायालय में उपस्थित नहीं हो रहे हैं. जिससे मामला का विचारण नहीं हो पा रहा है. नगर थाना कांड संख्या 155/17, पंडौल थाना के उक्त दोनों मामले के साथ साथ जयनगर से संबंधित दो मामला एवं झंझारपुर, भैरवस्थान, लौकही थाना से सम्बन्धित मामलो को लेकर न्यायालय में चल रहे विचारण में अभियुक्त उपस्थित नहीं हो रहे हैं. जिससे न्यायालय में मामला लंबित है. वही अन्य दो मामला में एक बहस तो एक साक्ष्य पर मामला लंबित है.
वारंट के बावजूद नहीं आ रहे आरोपी. स्पीडी ट्रायल का उद्धेश्य है कि न्यायालयों में चल रहे मामलों का विचारण जल्द से जल्द करा कर दोषी का सजा दिलाया जाए. लेकिन संबंधित थाना की शिथिलता व लापरवाही के कारण न्यायालय का आदेश का उल्लंघन हो रहा है. थाना द्वारा न्यायालय से निर्गत वारंट कि तामिला नहीं कि जा रही है.
जिस कारण न्यायालय में मामला लंबित हो रहा है. इस बाबत विशेष लोक अभियोजक उत्पाद ध्रुवनारायण प्रसाद ने कहा कि किसी भी मामले को थाना द्वारा गंभीरता से नहीं लिया जाता है. न्यायालय द्वारा आदेश के बावजूद थानाध्यक्ष द्वारा न तो समय से गवाही न्यायालय में उपस्थिति करा पा रहा है और न ही वारंटी को गिरफ्तार कर पा रही है. गिरफ्तारी न करने पर भी थाना द्वारा न्यायालय को अग्रिम कारवाई के लिए नहीं कहा जा रहा है.

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