कार्रवाई : मंगलवार को देर रात हुई थी गिरफ्तारी
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फर्जी शिक्षक नियोजन मामले में डीपीओ को भेजा गया जेल
कार्रवाई : मंगलवार को देर रात हुई थी गिरफ्तारी शिक्षा विभाग में हड़कंप, कई कर्मी व बिचौलिये पुलिस के रडार पर मधवापुर के अलावे अन्य कई प्रखंडों में भी खेला गया है बैक लॉग से नियोजन का खेल बिचौलिये ने अपनी पत्नी व संबंधियों को भी नियोजन में दिया है नाम, लोगों को लिया झांसे […]
शिक्षा विभाग में हड़कंप, कई कर्मी व बिचौलिये पुलिस के रडार पर
मधवापुर के अलावे अन्य कई प्रखंडों में भी खेला गया है बैक लॉग से नियोजन का खेल
बिचौलिये ने अपनी पत्नी व संबंधियों को भी नियोजन में दिया है नाम, लोगों को लिया झांसे में
मधुबनी :डीपीओ स्थापना राजेश कुमार सिन्हा को मधवापुर प्रखंड में हुए फर्जी शिक्षक नियोजन के मामले में गिरफ्तार कर बुधवार को जेल भेज दिया गया. डीपीओ को नगर थाना पुलिस ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) सत्यप्रकाश के न्यायालय में पेश किया गया. जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
बता दें कि बीते मंगलवार की रात 10 बजे समाहरणालय के समक्ष से उन्हें गिरफ्तार किया गया था. एएसपी कामनी बाला के निर्देश पर नगर थानाध्यक्ष अरुण कुमार राय ने नगर थाना के पुलिस बल के साथ उन्हें गिरफ्तार किया. इसके बाद उन्हें रात में ही नगर थाना पर लाया गया. जिसके बाद उनसे करीब एक घंटे तक पूछताछ की गयी.
नगर थानाध्यक्ष सह पुलिस निरीक्षक श्री राय ने बताया कि नगर थाना कांड संख्या 135/19 में पुलिस उपाधीक्षक के सुपरविजन रिपोर्ट के आधार पर डीपीओ राजेश कुमार की गिरफ्तारी हुई है. इन पर मधवापुर प्रखंड में हुए फर्जी शिक्षक नियोजन के मामले में जानबूझ कर फर्जी शिक्षकों का भुगतान गलत तरीके से किया गया था. मामले की जांच में फर्जीबाड़ा का आरोप सही पाया गया था. खुलासा होने पर एएसपी कामनी बाला के सुपरविजन रिपोर्ट के आधार पर गिरफ्तारी हुई है.
तीन सदस्यीय कमेटी ने की जांच. जिला पदाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने मधवापुर में फर्जी शिक्षक नियोजन के लिए तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया. बेनीपट्टी के अनुमंडल पदाधिकारी की अध्यक्षता में जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रहिका को शामिल किया गया. तीन सदस्यीय गठित जांच दल ने जांच में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मधवापुर एवं कर्मी अनिल लाल कर्ण सहित कई प्रधानाध्यापक को दोषी पाया गया.
गिरफ्तारी से हड़कंप. डीपीओ राजेश कुमार सिंहा को बुधवार को नगर थाना द्वारा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सत्यप्रकाश के न्यायालय में पेश किया. जहां न्यायालय ने डीपीओ राजेश कुमार सिंह को न्यायिक हिरासत में लेकर मंडल कारा भेजने का आदेश दिया. वहीं डीपीओ की गिरफ्तारी होने से शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. कई शिक्षकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस मामले में अभी कई कर्मियों की गिरफ्तारी होगी. इस कांड के नामजद दोनों आरोपी अभी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं.
रडार पर अभी और अधिकारी
बैक लॉग शिक्षक नियोजन मामले में डीपीओ की गिरफ्तारी के बाद अब मधवापुर बीईओ के साथ साथ कई कर्मी व बिचौलिये पुलिस के रडार पर हैं. सूत्रों के अनुसार पुलिस बीइओ उमेश बैठा की गिरफ्तारी के लिये लगातार छापेमारी कर रही है. पर अब तक वे पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े हैं. बताया जा रहा है कि अधिकारी व विभाग के कर्मी के साथ साथ कुछ बिचौलिये भी हैं जिस पर पुलिस की नजर है. यहां यह बता दें कि इस फर्जी रैकेट में कई बिचौलिये का नाम भी आ रहा है. इन बिचौलिये के द्वारा ही जिले भर से बैक लॉग बहाली के लिये करोड़ो रुपये उठाया गया. लोगों को झांसे में लेने के लिये बिचौलिये द्वारा पत्नी, भाई व अन्य संबंधी का नाम भी शिक्षक नियोजन में दिया गया है.
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