सिंहेश्वर : प्रखंड मुख्यालय के तीन लोंगो का दुर्घटना बिहारीगंज बभनगामा चौक पर लाल रंग के अपाचे से हो गयी. इसमें समाचार प्रेषण तक एक व्यक्ति सिंहेश्वर वार्ड संख्या नौ निवासी 38 वर्षीय धर्मवीर साह की मौत घटना स्थल पर ही हो गयी व दोनों घायलों सिंहेश्वर वार्ड संख्या एक निवासी कैलाश साह व कृष्णा साह को मधेपुरा सदर अस्पताल लाया गया. जहां डाक्टरों ने 45 वर्षीय कैलाश साह की नाजुक स्थिति को देखते हुये बेहतर इलाज के लिये दरभंगा रेफर कर दिया.
हालांकि ग्रामीणों ने बताया कि उसे सिलीगुड़ी ले जाया जा रहा है. वहीं 22 वर्षीय कृष्णा साह की स्थिति ठीक बताई गई है. वहीं दुसरी तरफ धर्मवीर के मुहल्ले में जैसे ही घटना की खबर मिली चारों ओर कौहराम मच गया. खासकर उसकी पत्नी रेखा देवी का रो – रो कर बुरा हाल हो चुका है. बार – बार बस इतना ही कह बेहोश जा रही थी कि केना रहबै हो अपन राजा के बिना, भोरे गेल रहै ठीके ओकरा की भय गेलै… वहीं धर्मवीर की पोलियो ग्रस्त मां शांति देवी का भी रो- रो कर बुरा हाल हो चुका है.
वहीं बहनों सुलखा देवी, लक्ष्मी देवी, भारती देवी को थोड़ी- थोड़ी देर में बेहोशी आ जाती थी. वहीं उसके पिता कुशेश्वर साह एवं बड़े भाई श्रवण साह ना तो रो पा रहे थे और ना ही कुछ बोल पा रहे थे. वहीं धर्मवीर को दो बेटी व दो बेटा था जो कि काफी कम उम्र का है 12 वर्षीय शिवम कुमार, 8 वर्षीय सिमरन कुमारी, 6 वर्षीय राखी कुमारी एवं 5 वर्षीय दिव्यांशु कुमार इन सभी को ये भी पता नहीं है कि उसके पिता को क्या हुआ है और सभी रो क्यों रहे है. जब बच्चों से बात करने की कोशिश की गई तो सभी कुछ भी बोलने में असमर्थ थे वो सभी सिर्फ रो रहे थे. वहीं जैसे ही धर्मवीर का शव घर लाया गया चारों सिर्फ चित्कार ही सुनाई दे रही थी. वहीं परिजन एवं ग्रामीणों ने बताया कि धर्मवीर सुबह लगभग सात बजे घर से निकला था और धर्मवीर अपने संबंधि भतिजे की लाल रंग के अपाचे से तीनों निकले थे और बभनगामा चैक पर उन सभी का दुर्घटना हो गया. जबकि स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि धर्मवीर काफी नेक व्यक्ति था एवं इकलौता कमाने वाला व्यक्ति था और अपने कमाइ से पुरे परिवार का भरण पोषण खुद ही करता था और अपनी बिन व्याही छोटी बहन के रिस्ते के लिये कुम्हारपुर जा रहा था कि रास्ते में ही दुखद घटना घट गई. जबकि कुछ लोगों ने यह भी बताया कि तीनों भौरी (सोने चांदी के गहनों की सफाई) का काम करता था और अपने काम के सिलसिले में ही गया था. वह भाई- बहनों में तीसरें नंबर का था, फिर भी वो सभी का देखभाल करता था.