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शहर के पश्चिमी बसावट समेत जिला मुख्यालय को दर्जनों गांवों से जोड़ने वाली सड़क का हाल बेहाल

मधेपुरा : मधेपुरा पानी टंकी से साहुगढ़ जाने वाली सड़क का हाल बेहद जर्जर है. नगर के बीचों-बीच गुजरती हुई नगर परिषद की सीमा से साहुगढ़ के दो पंचायत को जोड़ने के अलावा यह सड़क कमोवेश मधेपुरा जिले के पश्चिम के दर्जनों गांव को जोड़ता है. यह सड़क साहुगढ़ से भेलवा होते हुए घैलाढ़ प्रखंड […]

मधेपुरा : मधेपुरा पानी टंकी से साहुगढ़ जाने वाली सड़क का हाल बेहद जर्जर है. नगर के बीचों-बीच गुजरती हुई नगर परिषद की सीमा से साहुगढ़ के दो पंचायत को जोड़ने के अलावा यह सड़क कमोवेश मधेपुरा जिले के पश्चिम के दर्जनों गांव को जोड़ता है. यह सड़क साहुगढ़ से भेलवा होते हुए घैलाढ़ प्रखंड होते हुए सहरसा सीमा तक जाती है, लेकिन नगर के चैती दुर्गा से लेकर साहुगढ़ दुर्गा स्थान तक सड़क बिल्कुल चलने लायक नहीं रही है. लोग परेशान व हलकान है.

यह सड़क इस कदर महत्वपूर्ण है कि जिले के और नगर के पश्चिम बसने वाली आबादी का लाइफ लाइन माना जाता है. हर रोज रोजगार से लेकर बच्चों की पढ़ाई जिला मुख्यालय आकर महत्वपूर्ण कार्य कराने के लिए यही सड़क सहारा है. खास बात यह है कि बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन मंत्री सह स्थानीय विधायक प्रो चंद्रशेखर के गांव भेलवा जाने के लिए भी यह सड़क महत्वपूर्ण है.

गड्ढे में सड़क या सड़क गड्ढे में : आलम यह है कि सड़क में गड्ढे है या गड्ढे में सड़क है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. उस पर से जिला मुख्यालय से हर शाम सैकड़ों लोग काम कर गांव लौटते है. इन लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है, लेकिन इस सड़क की सुधि लेने आज तक विभागीय पदाधिकारी नहीं आये हैं. इस सड़क से सैकड़ों वाहन का परिचालन प्रतिदिन होता है. इसके कारण इस सड़क में कई गड्ढे हो गये हैं. सड़क में गड्ढे होने से जहां वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है. उक्त सड़क के बारे में ग्रामीण विकास विभाग से लेकर जनप्रतिनिधि तक को लिखित रूप से दिया गया, लेकिन आज तक आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है. वहीं उक्त सड़क में एक पुलिया भी है. जिसमें भी दरारे पड़ने लगी है. लोगों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि सड़क की मरम्मत के अभाव में इतनी जर्जर हालत हो गयी है, जो चिंताजनक है.
कहते हैं ग्रामीण: वर्षों से रिक्शा चलाते आ रहे साहुगढ़ कटैया टोला निवासी मो अहमद हुसैन ने बताया कि लगभग 14-15 वर्ष पहले सड़क का निर्माण किया गया था. तब से लेकर अबतक कोई इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया. राहगीर मो सकील सकील ने बताया कि प्रत्येक दिन सैकड़ों चार पहिया, तीन पहिया एवं दो पहिया वाहन का परिचालन होता है. कई बार तो लोग गिर कर चोटिल भी हो चुके है. सुंदर ऋषिदेव ने कहा कि सदर प्रखंड का सबसे बड़ा गांव साहुगढ है. प्रत्येक दिन बच्चे साइकिल से स्कूल आते – जाते है.
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में हो शामिल: सड़क किनारे दुकान कर रहे प्रसाद मल्लाह ने बताया कि वर्षों से दुकान करते आये है. बड़े – बड़े लोग इधर से गुजरते है, लेकिन सड़क की दुरुस्त करने के दिशा में कोई पहल नहीं करता. अविनाश कुमार, कुणाल कुमार, बॉबी कुमार, शिवशंकर कुमार ने कहा कि सड़क में रेन कट अपना विशाल रूप धारण कर सड़क को दोनों तरफ से काटना शुरू हो गया कर दिया है. जिससे सड़क चौड़ाई बहुत कम हो गयी है. ऐसी स्थिति में इस सड़क पर चलने वाली गाड़ियों के साथ कभी बड़ी अनहोनी घट सकती है.

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