बहादुरगंज. वक्फ संशोधन कानून को लेकर सोमवार को बहादुरगंज में वक्फ तहफ्फुज कमेटी ने शहर के मुख्य मार्ग पर विरोध जुलूस निकाला. सैंकड़ों की तादाद में उलेमाओं, मौलानाओं एवं सामाजिक – राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने वक्फ कानून वापस लो, मोदी सरकार मुर्दाबाद व नीतीश सरकार मुर्दाबाद व चंद्र बाबू नायडू की सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाये. जुलूस शहर के रसल हाई स्कूल ग्राउंड से निकला, दारूलउलूम, ब्लॉक चौक, थाना रोड, झांसी की रानी चौक एवं हॉस्पिटल चौक होते हुए प्रखंड मुख्यालय परिसर में पहुंचा. जहां कमेटी के एक प्रतिनिधिमंडल ने बीडीओ को ज्ञापन सौंपा. जुलूश का नेतृत्व दारूलउलूम के मुफ़्ती जशीम अख्तर कर रहे थे. इससे पहले कमिटी की पहल पर रसल स्कूल ग्राउंड में वक्फ कानून के खिलाफ अलग-अलग दल के जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में लोगों ने शांतिपूर्ण एकदिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया एवं जमकर भड़ास निकाली. मौके पर एआईएमआईएम के प्रदेश सदर सह अमौर के विधायक अख्तरुल ईमान ने वक्फ संशोधन को काला कानून बताया एवम कहा कि जिस कदर केंद्र की मोदी सरकार ने यह कानून जोर-जबर्दस्ती लाकर अल्पसंख्यक समुदाय की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाया हैं. जब संविधान में अलग-अलग आर्टिकल के तहत देश के नागरिकों को धर्म, जाति, भाषा एवं सुरक्षा के समान अधिकार दिये गये हैं तो फिर सिर्फ अल्पसंख्यकों के हितों की अनदेखी करना किस हद तक न्यायोचित कहा जा सकता है? इस गंभीर मामले में हम कतई चुप बैठने वाले नहीं हैं. मुद्दे पर एक तरफ देश के माननीय सुप्रीम कोर्ट से यथोचित न्याय की उम्मीद को लेकर दर्जनों याचिकाएं दायर की गयी हैं तो दूसरी तरफ इसकी लड़ाई हम सड़क पर लड़ने से भी पीछे नहीं रहेंगे. इससे पहले राजद विधायक अंजार नईमी ने कहा कि केन्द्र कि मोदी सरकार ने अपने बहुमत का दुरुपयोग कर सिर्फ अल्पसंख्यकों की धार्मिक भावना को आघात पहुंचाने का काम किया है. भले ही जदयू मुसलमानों की हिमायती होने का दावा करती है परंतु गंभीर विषय पर एनडीए के साथी रहे नीतीश सरकार , चंद्र बाबू नायडू , चिराग पासवान एवं जीतनराम मांझी की सोच खुलकर सामने आ गयी है. उन्होंने कहा कि कानून के जरिए मौजूदा सरकार वक्फ की संपत्ति पर अंकुश लगाने के चक्कर में है. तभी तो सरकार इस कानून में दो गैर मुस्लिम सदस्यों को भी कमिटी में रखने की तैयारी में है, जो हमारी पार्टी राजद को किसी कीमत पर मंजूर नहीं. इससे पहले जनसुराज के जिलाध्यक्ष प्रो मुस्सबिर आलम ने मोदी सरकार की नीतियों पर जमकर प्रहार किया एवं कहा कि यह लड़ाई हिन्दू – मुसलमान के बीच की नहीं, बल्कि हिंदुस्तान का वजूद को बचाने की लड़ाई है. जिसे देश के सभी हिन्दू – मुसलमानों को मिलकर बचाना होगा. फिर तो मोदी सरकार लोगों के मन – मिजाज को भांपकर कानून को स्वतः वापस लेने पर बाध्य हो जाएगी. मौके पर नप अध्यक्ष प्रतिनिधि वशीकुर रहमान, एआईएमआईएम के मासूम रजा, तौशिफ आलम, मौलाना गुलाम सरवर , एखलाकुर रहमान सहित दर्जनों राजनीतिक कार्यकर्ता, उलेमा एवम मौलाना मंच पर मौजूद थे.
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