किशनगंज. मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव और समय पर इलाज के लिए स्वास्थ्यकर्मियों का प्रशिक्षित होना बेहद जरूरी है. इसी उद्देश्य से सदर अस्पताल, किशनगंज में एएनएम (सहायक नर्स मिडवाइफ) के लिए एनसीडी कार्यक्रम प्रबंधन पर चौथे बैच का प्रशिक्षण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. यह प्रशिक्षण एनसीडीओ डॉ उर्मिला कुमारी, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ देवेंद्र कुमार एवं एनसीडी सेल, सदर अस्पताल, किशनगंज के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया. इस प्रशिक्षण में जिले भर से आई एएनएम ने भाग लिया और गैर-संचारी रोगों की रोकथाम, प्रारंभिक जांच और प्रबंधन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कीं. ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहली कड़ी एएनएम होती हैं. वे न केवल प्रसव, टीकाकरण और प्राथमिक चिकित्सा सेवाएं देती हैं, बल्कि अब एनसीडी जैसी गंभीर बीमारियों की समय पर पहचान और रोकथाम में भी अहम भूमिका निभाएंगी. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य एएनएम को प्राथमिक स्तर पर गैर-संचारी रोगों की पहचान, रोकथाम और प्रबंधन के लिए दक्ष बनाना था. इससे वे गांवों में मरीजों की जांच कर शुरुआती चरण में ही बीमारी पकड़ सकेंगी और उन्हें उचित स्वास्थ्य सेवाएं दिला सकेंगी. समापन सत्र में एनसीडीओ डॉ उर्मिला कुमारी ने कहा कि गैर-संचारी रोगों की रोकथाम में एएनएम की भूमिका बेहद अहम है. वे गांवों में जाकर न केवल मरीजों की प्रारंभिक जांच कर सकती हैं, बल्कि उन्हें स्वस्थ जीवनशैली के प्रति जागरूक भी कर सकती हैं. यह प्रशिक्षण उन्हें ज्यादा सक्षम बनाएगा, जिससे वे अपने क्षेत्र में और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दे सकेंगी. वहीं, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ देवेंद्र कुमार ने कहा कि आज के दौर में गैर-संचारी रोग एक बड़ी चुनौती बन चुके हैं. समय पर जांच और उचित परामर्श से हम इन बीमारियों को गंभीर होने से रोक सकते हैं. एएनएम इस कड़ी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं और यह प्रशिक्षण उनके कार्य को और अधिक प्रभावी बनाएगा.
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