दिघलबैंक बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के बीच भारत-नेपाल सीमा पर सख्ती के बावजूद गुरुवार (7 नवंबर) को एक दिन के लिए बॉर्डर खोल दिया गया. इससे सीमावर्ती इलाके में नेपाल से सटे क्षेत्रों में जबरदस्त चहल-पहल देखी गई.नेपाली नागरिक रोजमर्रा की जरूरी वस्तुएं खरीदने भारत पहुंचे, जबकि चुनावी व्यस्तता के कारण नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों का भी आना-जाना हुआ.लोगों ने राहत की सांस ली. एसएसबी 12वीं वाहिनी की एफ कंपनी प्रभारी असिस्टेंट कमांडेंट प्रियरंजन चकमा ने बताया कि चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण बनाने के लिए सीमा पूरी तरह सील थी, लेकिन 7 नवंबर को एक दिन की विशेष छूट दी गई. लोगों की आवाजाही को पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही अनुमति दी गई. सामान की सघन तलाशी ली गई ताकि किसी तरह की अवैध गतिविधि न हो सके. उन्होंने आगे कहा कि दूसरे चरण के मतदान के लिए बॉर्डर को फिर से सील कर दिया गया है. अब 11 नवंबर के बाद ही इसे दोबारा खोला जाएगा.चुनावी माहौल में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा दी गई है. एसएसबी ने नेपाली एपीएफ (आर्म्ड पुलिस फोर्स) के साथ संयुक्त पेट्रोलिंग शुरू कर दी है. दोनों पक्षों के बीच नियमित बैठकें हो रही हैं, जिसमें पुलिस सुरक्षा और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने की रणनीति बनाई जा रही है. असिस्टेंट कमांडेंट श्री चकमा ने जोर देकर कहा, “चुनाव की निष्पक्षता बरकरार रखने के लिए हम पूरी मुस्तैदी से काम कर रहे हैं. किसी भी अनहोनी को रोकने के लिए खुफिया इनपुट पर भी कार्रवाई की जा रही है.स्थानीय लोगों का कहना है कि बॉर्डर खुलने से दवाइयां, किराना सामान और अन्य जरूरी चीजें सस्ते में उपलब्ध हुईं, जिससे उनकी रोजमर्रा की जिंदगी आसान हुई.हालांकि, चुनावी सुरक्षा के चलते यह छूट सीमित रही.
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