बेलदौर : कभी प्रकृति की मार तो कभी घटिया खाद बीज की मार से जुझ रहे प्रखंड क्षेत्र के किसान को बुधवार की देर शाम हुई बारिश ने एक बार फिर से खून के आंसू रोने को विवश कर दिया. अपने बर्बाद हुए गेहूं की फसल को भारी मन से समेट रहे सकरोहर के किसान शंकर मुनी ने आसमान में काले बादल को देखा तो पहले से पीले पड़े चेहरे बेमौसम बारिश के भय से एकदम सुख गया.
आनन फानन में किसान बची खुची फसल को ताबड़तोड़ काटकर मजदूरों के साथ बोझा हटाने में जुट गये. लेकिन देखते ही देखते आंधी के साथ हुई बुंदाबूंदी बारिश ने किसान समेत मजदूरों की भी रही सही कसर निकाल दी. किसान के साथ साथ फसल कटनी कर रही मजदूर भी भगवान की इस लीला को देख रो पड़े. फसल थ्रेसिंग कराने की उम्मीद बारिश के पानी के साथ ही बहने लगी. गेहूं की बाली पहले से दाने से खाली पड़ी थी बची खुची उम्मीद को भगवान ने भी प्रकृति की मार से चकनाचूर कर दिया.