तांत्रिक दंपती ने शव को आगे रख कर घंटों किया मंत्र-विद्या से ड्रामा, जिंद नहीं हो सका बालक
फलका. दुनिया आज चांद और मंगल ग्रह पर घर बसाने की तैयारी में है, लेकिन गांव के लोग आज भी अंधविश्वास के मकड़जाल में फंसे हुए हैं. आधुनिकता के इस दौर में ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी कई लोग सर्प दंश का इलाज के लिए सरकारी अस्पताल नहीं बल्कि बाबा ओझा गुनी तांत्रिक के झाड़-फूंक के चक्कर में फंस जाते हैं. मंगलवार को फलका के सोहथा घाट गांव में सात वर्षीय बालक गोविंद कुमार को जलावन के घर में जहरीला सर्प डंस लिया. जिससे उनकी हालत काफी नाजुक बन गयी. झाड़-फूंक के चक्कर में अस्पताल ले जाते-जाते उसकी मौत हो गयी. अस्पताल पहुंची पुलिस ने पीड़ित परिवार से शव के पोस्टमार्टम के लिए कहा, लेकिन परिजनों ने तत्काल पोस्टमार्टम से इंकार कर दिया. लिहाजा परिजनों ने एक तांत्रिक दंपती सबरी देवी पति अशोक मंडल कमलसिया निवासी के कहने पर शव को अपने घर लेकर चले गये. तांत्रिक दंपती ने दावा किया की मृत बच्चे को जिंदा कर देंगे. ग्रामीण इस बात को लेकर आश्चर्यचकित थे. देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी थी. तांत्रिक दंपती कई घंटों तक मृत बच्चे को जिंदा करने के लिए हाई वोल्टेज ड्रामा किया. मंत्र पढ़ा लोग तमाशा देख रहे थे. तांत्रिक दंपती शव को कभी बैठाती कभी जोर से फुंकने लगती. पांच घंटे तक यह ड्रामा चलता रहा. अंत तक मृत बच्चा जिन्दा नहीं हो सका. आखिरकार तांत्रिक दंपती पहले बुलाते तो बच्चे को जिंदा कर देते, यह कह कर पलड़ा झाड़ते हुए फरार हो गऐ. ततपश्चात तीन बजे परिजनों ने बाइक पर शव को लाद कर थाना लाया. फलका पुलिस ने कागजी खानापूर्ति कर शव को पोस्टमार्टम के लिए कटिहार भेज दिया.सर्प दंश होने पर तुरंत मरीज को अस्पताल लायें, न कि किसी तांत्रिक बाबा के चक्कर में पड़ें. सर्प दंश के मरीज को एंटीडोज से बचाया जा सकता है. सर्प दंश का एंटीडोज वैक्सीन पर्याप्त संख्या में अस्पताल में उपलब्ध है. अंधविश्वास पर यकीन नहीं करें, मृत व्यक्ति को कोई जिंदा नहीं कर सकता.
अश्वनी कुमार, चिकित्सा पदाधिकारीB
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