कटिहार रेलवे भारत स्काउट एंड गाइड परिसर में चल रही पांच दिवसीय नाटक कार्यशाला दूसरे दिन सोमवार की भी जारी रही. इस कार्यशाला में लगभग 50 बच्चों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और रंगमंच की विभिन्न तकनीकों को गहरायी से सीखा. कार्यशाला की शुरुआत समूह गीत से हुई. जिसने बच्चों को एकजुट करते हुए वातावरण को ऊर्जावान बना दिया. ‘क्लैप गेम, जिप जैप ज़ू, पैरट सेज जैसे कई रोचक और इंटरएक्टिव रंगमंचीय गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को आवाज़, शरीर की भाषा और अभिव्यक्ति (एक्सप्रेशन) पर केंद्रित प्रशिक्षण दिया गया. इन अभ्यासों ने बच्चों में आत्मविश्वास और संप्रेषण कौशल को विकसित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी. दूसरे दिन के सत्र में मूक अभिनय (माइम) पर विशेष ध्यान दिया गया. बच्चों को बिना शब्दों के संवाद और भावनाएं व्यक्त करने की तकनीक से परिचित कराया गया. इस अभ्यास ने उनकी कल्पनाशक्ति को और निखारा. बच्चों ने टीमों में बंटकर छोटे-छोटे नाटकों की प्रस्तुति दी. जिसमें उनकी रचनात्मकता, टीमवर्क और निर्देशन क्षमता की स्पष्ट झलक देखने को मिली. पूरे सत्र के दौरान बच्चों की सक्रियता, अनुशासन और सीखने की जिज्ञासा प्रशंसनीय रही. कार्यशाला में बच्चों का जोश, उनके अंदर छिपी अभिनय प्रतिभा और रंगमंच के प्रति जागरूकता इस बात का संकेत है कि आने वाले समय में कटिहार जैसे शहर से भी कई उभरते कलाकार सामने आएंगे. इस विशेष कार्यशाला का संचालन सिने अभिनेता एवं प्रसिद्ध रंगकर्मी मनीष कुमार द्वारा किया जा रहा है, जो रंगमंच की दुनिया में एक प्रतिष्ठित नाम है. यह पहला अवसर है, जब मनीष कुमार जैसे अनुभवी कलाकार ने कटिहार जैसे उभरते कस्बाई शहर में आकर स्थानीय बच्चों को रंगमंच की बारीकियां सिखायी. कार्यशाला का आयोजन स्थानीय संस्था ””कोसी संगम”” के सौजन्य से किया गया है. जिसे एक ऐतिहासिक सांस्कृतिक पहल माना जा रहा है.
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