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प्रखंड परिसर में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू

प्रखंड परिसर में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू

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पुनर्वास की व्यवस्था होने तक जारी रहेगा भूख हड़ताल भूख हड़ताल में कटिहार जिला के सांसद, सभी विधायक, पीएम व सीएम का लगाया बैनर. बरारी तीस वर्षों से विस्थापित होने का दंश झेल रहे गंगा कोशी से कटाव पीड़ित विस्थापित परिवारों की सुधी लेने वाला कोई नही है. गुरुमेला पंचायत के जो पूर्णतः विस्थापित हैं पुनर्वास की बाट जोह रहा हैं. कोवाकोल बांध पर सड़क बनाने को लेकर वर्षो से किसी तरह जीवन यापन कर रहे परिवारों के घरो को उजाड़ने का कार्य प्रशासन कर रही हैं, जो खेद का विषय. मानवता पर कुठाराघात हैं. जनता द्वारा चूने जनप्रतिनिधि एवं जनता के लिए सुढृढ व्यवस्था को लेकर तैनात किये गये नौकरसाह को क्या हो गया है. अपने तो ऐसो आराम में रहते है लेकिन गरीबों की थोड़ी सी खुशी भी राश नही आ रही. गरीबों को बेघर करने को आतुर हैं. यदि गरीब को निवाला नही दे सकते तो इसे उजाड़ने का अधिकार किसने दिया. उक्त बाते पुनर्वास संघर्ष समिति के युवा संघर्षशील सामाजिक कार्यकर्ता विक्टर झा ने कही. अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठे विक्टर झा , निषाद परिवार के उमेश सिंह निषाद सहित सैकड़ों विस्थापितों ने बताया कि विस्थापितों के घरों को तोड़ना अविलम्ब बंद करे .विस्थापितों का पुनर्वास करवाया जाय. कटिहार जिले के विस्थापितों के घरों को तब तक नहीं उजाड़ा जाये. जबतक इनका पुनर्वास नहीं हो जाये. ऋण माफी के समर्थन में शनिवार को प्रखंड परिसर बरारी में तम्बू गाड़कर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा, 1954 में गंगा कटाव फिर 1971 एवं 1987 लगातार कराव के कारण विस्थापित हुए परिवारों की सुधि नही ली गई. यदि किसान श्रृण ले लिया तो एक लाख की श्रृण का नौ लाख की नोटिस कर दी. बेघर हुए परिवार की जमीन गुंडे बदमाश दबंग खा रहे इस पर नियंत्रण नही. लोग किसी प्रकार बांध, रेलवे लाइन, सड़क किनारे यत्र तत्र परिवार के साथ झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रह रहे उसे कहीं बसाने के बजाय उजाड़ने की तुगलगी फरमान ने सभी को सोचने को मजबूर कर दिया हैं. समृद्ध लोगों के बीच वास का पर्चा बांटा गया उससे गरीब विस्थापित का मजाक उड़ाया गया हैं. जो लोग सीज की जमीन में बसे थे उन्हे पर्चा दिया गया किसी को 15 डिसमल तो किसी तीन डिसमल तो किसी का घर दस कट्ठा में हैं उसे पूरी जमीन दे दी गई. विस्थापितों का पुनर्वास की पूर्ण व्यवस्था नही हो जाती भूख हड़ताल कयामत तक जारी रहेगी .

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